धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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इंदौर। पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा इंदौर नगरीय क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाये रखने, शांति व्यवस्था को कायम रखने, सार्वजनिक एवं निजी लोक संपत्ति के सुरक्षार्थ एवं आम जन सामान्य की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं। 
 जारी आदेशानुसार इन्दौर नगरीय पुलिस जिला की सीमा के अन्दर किसी भी समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे समुदाय की भावनाओं के विपरीत ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जायेगा, जिससे शांति भंग होने की आशंका हो और न ही दूसरे समुदाय के धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध किसी प्रकार का उत्तेजनात्मक भाषण दिया जायेगा और न ही सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना एवं अफवाहें फैलाई जायेगी। कोई भी व्यक्ति किसी खुले स्थान पर अथवा मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडा वाटर की बोतल या अन्य कांच की बोतल, ज्वलनशील पदार्थ अथवा कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा और न रखेगा, जिसका प्रयोग आतंक उत्पन्न करने अथवा किसी हिंसात्मक गतिविधियों में किया जा सके। इन्दौर नगरीय पुलिस जिला की सीमा के अन्दर कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई अनुचित मुद्रण/प्रकाशन नहीं करेगा, जिससे साम्प्रदायिक तनाव अथवा समुदायों के बीच वैमनस्य उत्पन्न हो। कोई भी व्यक्ति मौखिक या लिखित, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना व ऐसी अफवाहें नहीं फैलायेगा, जिससे शांति भंग होने की आशंका हो और ना ही सोशल मीडिया पर किसी प्रकार का ऐसार धार्मिक शब्द या प्रतीक चिन्ह का प्रयोग करेगा, जिससे किसी भी समुदाय को धार्मिक ठेस पहुंचे अथवा समाज में विद्वेष की भावना जागृत हो यह कृत्य दण्डनीय अपराध है।
 
सोशल मीडिया पर ग्रुप एडमिन का उत्तरदायित्व होगा कि ग्रुप से जुड़ा कोई भी व्यक्ति भडकाऊ अथवा अफवाह फैलाने संबंधित कोई पोस्ट नहीं करेगा। यदि कोई ऐसी पोस्ट करता है, तो ग्रुप एडमिन उसे तत्काल डिलीट कराते हुये संबंधित व्यक्ति को ग्रुप से बाहर करेगा और स्थानीय पुलिस को सूचित भी करेगा। इन्दौर नगरीय पुलिस जिला की सीमा के अन्दर कोई भी दुकानदार न तो ऐसे मांझे का विक्रय करेगा और न ही कोई व्यक्ति ऐसे मांझे का क्रय करेगा और न ही ऐसे मांझे का उपयोग कर पतंग उडायेगा, जिससे आम नागरिक अथवा पशु-पक्षी को शारीरिक क्षति हो। किसी भी साइबर कैफे के संचालक द्वारा किसी भी अनजान व्यक्ति, जिसका परिचय किसी विश्वसनीय प्रमाण-पत्र जैसे परिचय पत्र, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट फोटो युक्त, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड या ऐसे ही अन्य साक्ष्य से प्रमाणित न हो, को साइबर कैफे का उपयोग नहीं करने दिया जायेगा। समस्त आगन्तुकों/प्रयोगकर्ताओं का रजिस्टर रखे बिना सायबर कैफे संचालित नहीं किया जायेगा। सभी आगंतुकों/प्रयोगकत्ताओं को उनके हस्तलेख में नाम, पता, दूरभाष नम्बर तथा परिचय का प्रमाण पत्र अंकित कराये बिना साइबर कैफे का प्रयोग वर्जित होगा। साइबर कैफे में बिना वेब कैमरा लगाये जिसमें प्रत्येक आगन्तुक/प्रयोगकर्ताओं की फोटो खींची जा सके तथा उसका अभिलेख सुरक्षित रखा जा सके, संचालित नहीं किया जायेगा। यह अभिलेख कम से कम 6 माह तक सुरक्षित रखा जायेगा। 
 
 उक्त आदेश 02 मई 2022 तक लागू रहेगा। इस आदेश अथवा इस आदेश के किसी अंश का उल्लंघन करना यथा स्थिति अन्य अधिनियमों के साथ भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।