झांसे में आकर फरियादी ने पांच लाख रुपये चेक के माध्यम से दे दिए।इसकी रसीद भी दी गई थी। 2017 तक आरोपितों ने एक लाख 69 हजार रुपये मुनाफा बताकर वापस भी दिए।इसके बदले आरोपितों ने चेक भी दिए थे। चेक जब बैंक में लगाए तो वे बाउंस हो गए। फोन करके रुपये मांगे तो उनके बाउंसरों ने जान से मारने की धमकी दी।इसी तरह पुलिस ने जब अन्य लोगों के बयान लिए तो आरोपितों ने पांच लाख से लेकर 15 लाख रुपये तक की ठगी की है। पुलिस ने बताया कि सभी के बयान लेने पर पता चला कि तीनों पिता व पुत्र मिलकर निवेश करने के लिए कहते। कुछ महीने बाद ही लोगों को एक से दो लाख रुपये मुनाफे का दे देते। इसके बाद रुपये व मुनाफा देना बंद कर देते। मांगने पर समय व रुकने के लिए कहते।इस तरह उनके झांसे में कई लोग फंस गए।कईयों ने अभी शिकायत नहीं की है।अभी कई लोग और हैं, जिन्होंने शिकायत नहीं की है।
मई 2020 में विजयनगर थाना क्षेत्र के चंद्रनगर में रहने वाले कपड़ा व्यापारी 57 वर्षीय हरीश पाहवा को प्रमोद सेठी, रोहन और राघव सेठी को 23 लाख रुपये उधार दिए थे।आरोपितों से व्यापारी ने रुपये मांग तो उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे।आरोपितों के कारण व्यापारी को थाने में बैठना पड़ा। थाने में बैठने का सदमा आरोपित बर्दाश्त नहीं कर सका और उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। स्वजनों ने पुलिस पर अभद्रता का भी आरोप लगाया था।