राहुल गांधी के वायनाड वाले ऑफिस में जमकर तोड़फोड़

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sadbhawnapaati
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड स्थित ऑफिस में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं ने जमकर तोड़फोड़ की है. उनकी तरफ से ऑफिस में मौजूद सामान को नुकासन पहुंचाया गया है. कांग्रेस दावा कर रही है कि ऑफिस में काम कर रहे स्टाफ को भी चोटें आई हैं.

बताया जा रहा है कि SFI के कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में लिए गए फैसले से नाराज चल रहे थे. वे उस मुद्दे पर राहुल गांधी के विचार जानना चाहते थे जिन्होंने अभी तक उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उसी वजह से ये प्रदर्शन निकाला गया और SFI के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी. घटना के जो वीडियो सामने आए हैं उनमें कुछ प्रदर्शनकारी ऑफिस की खिड़की की तरफ से अंदर घुसने का प्रयास कर रहे हैं. एक और वीडियो में पुलिस प्रदर्शनकारी को मौके से उठाकर हिरासत में ले जाती दिख रही है.

जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था. उस फैसले में स्पष्ट कर दिया गया कि संरक्षित वनों, वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास का एक किलोमीटर वाला पूरा इलाका  पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) रहने वाला है. ESZ के जो भी तमाम गतिविधियां होती रहती हैं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया.

लेकिन केरल में विवाद इस बात को लेकर है कि अगर ये नियम वहां सख्ती से लागू कर दिया जाता है तो पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में रह रहे लोगों का क्या होगा, वो कहां पर जाएंगे? इसी मुद्दे को लेकर  SFI के कार्यकर्ताओं ने वायनाड में प्रदर्शन निकाला और राहुल गांधी के विचार जानने का प्रयास रहा. वैसे अभी तक इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने मीडिया से तो कोई बात नहीं है, लेकिन उनकी तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी गई है.

उस चिट्ठी में राहुल गांधी ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से वायनाड के स्थानीय लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है. इस एक फैसले की वजह से खेती से लेकर दूसरी गतिविधियों पर फर्क पड़ने वाला है. ऐसे में उनकी तरफ से पीएम से अपील हुई है कि पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की सुविधा और उनकी आजीविका का भी पूरा ध्यान रखा जाए

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।