Religion news – हंसदास मठ पर 2 से 8 फरवरी तक प्राण प्रतिष्ठा, भागवत ज्ञान यज्ञ एवं लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ का दिव्य महोत्सव 

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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* प्राचीन मठ के जीर्णोद्धार के छठवें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में विविध अनुष्ठान
* अनेक साधु-संत एवं विद्वान आएंगे
इन्दौर। बड़ा गणपति पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ के जीर्णोद्धार के छठे वार्षिक महोत्सव के उपलक्ष्य में 2 से 8 फरवरी तक प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव, संगीतमय श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ एवं लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दिव्य आयोजन हंस पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य में होंगे।
बसंत पंचमी के पावन पर्व पर 5 फरवरी को ब्राह्मण बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार भी होगा।
मठ के पं. पवनदास शर्मा ने बताया कि शहर के प्राचीन हंसदास मठ का जीर्णोद्धार वर्ष 2016 में बसंत पंचमी पर किया गया था।
अब छठवें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में भगवान रणछोड़जी, चिंताहरण पंचमुखी हनुमानजी महाराज की कृपा से मठ परिसर में लक्ष्मी-नारायण, भगवान दत्तात्रेय एवं राम दरबार में दास हनुमान महाराज की दिव्य प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा भी होगी।
इनके साथ ही मठ के संस्थापक समाधिष्ठ स्वामी बाबा हंसदास महाराज एवं पूर्ववर्ती श्रीमहंत रामरतनदास महाराज की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी।
सभी प्रतिमाएं जयपुर से निर्मित होकर इन्दौर पहुंच चुकी है। इनका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव शास्त्रोक्त विधि-विधान से जलाधिवास, अन्नाधिवास, पुष्पाधिवास एवं अन्य समस्त प्रक्रियाओं के बाद आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में होगा।
इसके साथ ही 2 से 8 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 3 से सायं 6.30 बजे तक संगीतमय श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ का अनुष्ठान भी भागवताचार्य पं. विवेक कृष्ण शास्त्री के मुखारविंद से होगा।
ज्ञान यज्ञ के यजमान प्रतीक- मिलन सोनी होंगे। इसी दौरान 4 से 8 फरवरी तक सुबह 8.30 से दोपहर 1 बजे तक श्री लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ का अनुष्ठान भी हंसदास मठ पर आयोजित किया जाएगा।
बसंत पंचमी 5 फरवरी शनिवार को सुबह 9 बजे ब्राह्मण बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार भी आयोजित किया गया है।
इस उपलक्ष्य में यज्ञ में शामिल होने के इच्छुक श्रद्धालु मठ परिसर पर स्वामी अमितदास महाराज से सम्पर्क कर सकते हैं।

 महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस मौके पर मालवांचल के प्रमुख साधु-संत, विद्वान भी महोत्सव में शामिल होंगे।

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