Religion news – त्याग और संयम की सफेद चादर पर कोई दाग न लगने पाए : आचार्य जिनमणिप्रभ 

sadbhawnapaati
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:महावीर बाग में सोमवार को साध्वी बनी कृतार्थप्रभा श्रीजी की बड़ी दीक्षा संपन्न – पहला विहार 26 को

इन्दौर (ईएमएस)। संयम, त्याग और साधना का उद्देश्य केवल व्याख्यान देना या स्वयं के लिए यश प्राप्त करना ही नहीं, बल्कि कर्मो की निर्झरा प्राप्त करना है।

साध्वी जीवन में उत्कृष्ट चारित्र का पालन होना चाहिए और सबसे बड़ी बात तो यह ध्यान रखने की है कि संयम जीवन में किसी तरह का दोष न आने पाए।

यह साध्वी जीवन जैसा अनमोल रत्न बहुत दुर्लभता से मिलता है। त्याग और संयम की सफेद चादर पर कोई दाग न लगने पाए, इसका विशेष ध्यान रखना होगा।

गच्छाधिपति आचार्य भगवंत जिनमणिप्रभ सूरीश्वर म.सा. ने आज सुबह एरोड्रम रोड स्थित महावीर बाग पर सोमवार को जानकी नगर की सुश्री कृति कोठारी को दी गई दीक्षा के बाद बड़ी दीक्षा प्रदान की।

श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ जानकी नगर के दिनेश डोसी एवं नवीन ललवानी जैन ने बताया कि इस अवसर पर आचार्यश्री के साथ अनेक साधु, साध्वी भगवंत भी उपस्थित थे।

सुबह 6 बजे शुरू हुई यह बड़ी दीक्षा 8 बजे संपन्न हुई। इस दौरान साध्वी जीवन में प्रवेश करने वाली साध्वी कृतार्थप्रभाश्री म.सा. ने आचार्यश्री के समक्ष संयम जीवन के पांच संकल्प लेते हुए समवशरण की परिक्रमाएं कर आचार्यश्री के निर्देशन में विभिन्न शास्त्रोक्त प्रक्रियाएं पूरी कीं।

उपस्थित समाज बंधुओं और परिजनों ने वासक्षेप कर उन्हें अपने संयम जीवन के लिए शुभाशीष प्रदान किए। बड़ी दीक्षा के बाद साध्वी कृतार्थप्रभाश्रीजी ने सभी साधु, साध्वी एवं समाजबंधुओं का नमन किया।

पहला विहार 26 को जानकी नगर, 28 को धूलिया के लिए 

आचार्यश्री के निर्देशानुसार साध्वी कृतार्थप्रभाश्री का पहला विहार जानकी नगर इन्दौर के लिए 26 फरवरी को होगा। वे दो दिन जानकी नगर उपाश्रय में रहने के बाद 28 फरवरी को महाराष्ट्र के धुलिया शहर के लिए साध्वी वृंद के साथ विहार करेंगी।

उन्हें जिन सूर्यप्रभाश्रीजी म.सा. की शिष्या बनाया गया है, उनका स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण अब कृतार्थप्रभाश्रीजी साध्वी विरलप्रभाश्रीजी और साध्वी विपुलप्रभाश्रीजी एवं अन्य साध्वी वृंद के साथ विहार करेंगी।

बड़ी दीक्षा के दौरान समाज बंधुओं, विशेषकर महिलाओं ने ‘केशरिया केशरिया हमारो रंग केशरिया… हम भी केशरिया, तुम भी केशरिया जैसे भजनों पर थिरकते हुए जिन शासन के जयघोष भी किए।

आचार्यश्री को बिदाई 

बड़ी दीक्षा के बाद गच्छाधिपति आचार्य भगवंत जिनमणिप्रभ सूरीश्वर म.सा. को महावीर बाग पर रतलाम के लिए विहार करने पर गरिमापूर्ण बिदाई दी गई।

इस अवसर पर दिलसुखराज कटारिया, दिनेश डोसी, प्रकाश भटेवरा सहित विभिन्न जैन श्रीसंघों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। आचार्यश्री का चातुर्मास जुलाई में जयपुर में होगा।

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