Religion news – बसंत पंचमी पर तुलसी नगर में होगा सरस्वती महायज्ञ का आयोजन 

sadbhawnapaati
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इन्दौर। तुलसी नगर स्थित मध्य प्रदेश के सबसे विशाल एवं भव्य सरस्वती मंदिर में पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी विद्या एवं ज्ञान की अधिस्ठात्री देवी माँ सरस्वती की पूजा ‘बसंत पंचमी’ के दिन शनिवार 5 फ़रवरी को शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारों के साथ पूर्ण धार्मिक विधि विधान से की जाएगी। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए तुलसी सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा मंदिर में बसंत पंचमी पर आने वाले श्रद्धालुओं से सुरक्षा नियमों का पालन कर दर्शन करने की अपील की है।
तुलसी सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी के.के. झा व राजेश तोमर ने बताया कि शनिवार 5 फ़रवरी को सुबह 8 बजे से माँ शारदे का विशेष श्रृंगार, पूजा एवं अभिषेक होगा। तत्पश्चात सरस्वती महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुगण परिवार, समाज, शहर एवं देश के कल्याणार्थ तथा देश को कोरोना महामारी से पूर्ण रूप से मुक्ति दिलाने के लिए आयोजित सरस्वती महायज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चारों के बीच आहुतियाँ देंगे। इस महायज्ञ में स्थानीय निवासियों के आलावा, आसपास के स्कूलों के बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्राएं भी सम्मिलित होंगी। इस अवसर पर माँ सरस्वती को छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
उन्होने बताया कि माँ सरस्वती का एक मात्र, सबसे भव्य एवं विशाल मंदिर होने के कारण तुलसी नगर स्थित सरस्वती मंदिर की ख्याति दूर दूर तक फ़ैल चुकी है। शहर के विभिन्न स्कूलों  में पढ़ने वाले छात्र  छात्राएं अपने उज्जवल  करियर की चाह में माँ सरस्वती की कृपा पाने बड़ी संख्या में आते हैं।  बसंत पंचमी के दिन तो स्कूली बच्चों तथा कॉलेज के विद्यार्थियों का यहाँ तांता लगा रहता है।  इसके साथ ही कई बच्चों का दीक्षारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष स्लेट और चॉक के साथ किया जाता है।
तुलसी सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी के भगवान झा व शम्भुनाथ सिंह ने बताया कि तुलसी नगर स्थित सरस्वती मंदिर में सरस्वती पूजनोत्सव का यह 28वां वर्ष है। नगर निगम के साथ-साथ तुलसी सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा सरस्वती मंदिर प्रांगण के उद्यान का रखरखाव किया जा रहा है।
दैविक शक्तियों से अनुभूतिकृत है तुलसी नगर सरस्वती मंदिर 
मंदिर के पुजारी पंडित विजय मोहोरे के अनुसार, सरस्वती मंदिर की स्थापना वास्तुशास्त्र वैदिक पद्धतियों के अनुसार होने के कारण सम्पूर्ण मंदिर प्रांगण में अलौकिक दैवीय तथा आध्यात्मिक शक्तियों  का अहसास होता है। बसंत पंचमी के दिन इंदौर शहर के आलावा दूसरे शहरों से इंदौर आकर माँ शारदे के दर्शन तथा अपने अभीष्ट मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु माँ के श्री चरणों में शीष नमाते आते हैं।  जिन श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती है वो अपनी श्रद्धा अनुसार माँ सरस्वती को साडी, आभूषण, प्रसाद इत्यादि का चढ़ावा चढ़ा कर गुप्त तथा सार्वजनिक रूप से यथाशक्ति दान देते हैं ।

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