जब से कोरोना किस देश में एंट्री हुई है तब से देश में होने वाली विभिन्न प्रकार के धार्मिक यात्राओं पर पाबंदी लगा दी गई थी। परंतु अब धर्म यात्रा से जुड़ी एक बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है।
जी हां सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर चार धाम सड़क परियोजना के लिए डबल लेन की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही पूर्व जज जस्टिस 11 केसरी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है।
माना जा रहा है सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मोदी सरकार के लिए बेहद राहत भरा साबित हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑल वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की इजाजत दे दी है जिसके बाद डबल लेन हाईवे बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
बताया जा रहा है कि प्रेम कोर्ट ने कहा अदालत न्यायिक समीक्षा में सेना के सुरक्षा संसाधनों को तय नहीं कर सकती कोर्ट ने यह भी कहा कि हाईवे के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है।
रक्षा मंत्रालय की बात करें तो उनका कहना था कि इस सड़क के निर्माण से भारत की फौज को सीमा तक टैंक और हथियारों के साथ पहुंचने में काफी आसानी होगी साथ ही साथ पर्वतीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ सकती है।
एक एनजीओ ने सड़क को 10 मीटर तक चौड़ा डबल लेन बनाने की चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने देश की रक्षा जरूरतों के आधार पर सरकार की अधिसूचना को सही ठहराया।
परंतु पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं पर नजर रखने के लिए पूर्व जस्टिस ए के सीकरी अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया कमेटी सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देगी।
यहां जानें क्या है चारधाम परियोजना का मकसद और क्यों इस पर उठे सवाल-
चार धाम परियोजना का उद्देश्य सभी मौसम में पहाड़ी राज्य के चार पवित्र स्थलों यमुनोत्री गंगोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ना है इसके पूरे हो जाने के बाद हर मौसम में चार धाम की यात्रा की जा सकेगी।
इसके अलावा इस बता दें परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना का निर्माण हो रहा है जिसमें से अभी तक 400 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है।