करवा चौथ (24 अक्टूबर, रविवार को ) महिलाओं का सबसे प्रिय त्योहार है। सिर्फ विवाहित महिलाएं ही नहीं कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे पति के लिए ये व्रत करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति की उम्र लंबी होती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है। शाम को चंद्रमा के उदय होने पर अर्ध्य देने के साथ ही ये व्रत पूर्ण होता है।ये व्रत हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। इसे पति-पत्नी के निश्चल प्रेम का प्रतीक माना जाता है। आगे जानिए इस व्रत की विधि शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें.
पूजा मुहूर्त
शाम 6.55 से रात 8.11 तक.
इस विधि से करें व्रत और पूजा.
करवा चौथ (karva chauth 2021) पर सुबह स्नान करके अपने पति की लंबी आयु, बेहतर स्वास्थ्य व अखंड सौभाग्य के लिए संकल्प लें और यथाशक्ति निराहार (बिना कुछ खाए-पिए) रहें।
शाम को पूजन स्थान पर एक साफ लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय व भगवान श्रीगणेश की स्थापना करें। पूजन स्थान पर मिट्टी का करवा भी रखें।
इस करवे में थोड़ा धान व एक रुपए का सिक्का रखें। इसके ऊपर लाल कपड़ा रखें। सभी देवताओं का पंचोपचार पूजन करें। लड्डुओं का भोग लगाएं। भगवान श्रीगणेश की आरती करें।
जब चंद्रमा उदय हो जाए तो चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य दें। इसके बाद अपने पति के चरण छुएं व उनके मस्तक पर तिलक लगाएं। पति की माता (अर्थात अपनी सासूजी) को अपना करवा भेंट कर आशीर्वाद लें।
यदि सास न हो तो परिवार की किसी अन्य सुहागन महिला को करवा भेंट करें। इसके बाद परिवार के साथ भोजन करें।
चतुर्थी तिथि कब से कब तक?
चतुर्थी तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर की सुबह 3.3 से होगा, जो 25 अक्टूबर की सुबह 05.43 तक रहेगी।
चंद्रोदय का समय.
रात 08.07 के बाद सभी शहरों में धीरे-धीरे चंद्रमा उदय होने लगेगा। अलग-अलग स्थानों पर चंर्द्रोदय का समय आगे-पीछे हो सकता है।