ज्योतिषीय दृष्टिकोण से 19 नवंबर को होने वाला चंद्रग्रहण महत्वपूर्ण रहेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, ये ग्रहण वृषभ राशि के कृत्तिका नक्षत्र में होगा।
इसलिए इस राशि और नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म हुआ है, उन्हें इस समय थोड़ा बचकर रहना होगा, उनके साथ कोई अनहोनी घटना हो सकती है। इसके अलावा जिन स्थानों पर ये ग्रहण दिखाई देगा, वहां गर्भवती महिलाओं को भी इस ग्रहण में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
ये रहेगा ग्रहण का समय
19 नवंबर, शुक्रवार को लगने वाला यह चंद्रग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार ये ग्रहण 19 नवंबर की सुबह 11:34 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन शाम 05:33 मिनट पर होगा। ग्रहणकाल की कुल अवधि लगभग 05 घंटे 59 मिनट रहेगी। ये ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सो में दिखाई देगा। वहीं विदेशों में अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई पड़ेगा।
इन लोगों पर भी होता है ग्रहण का अशुभ प्रभाव
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, कुंडली में चंद्रमा और राहु का संबंध हो या एक ही घर में ये दोनों ग्रह स्थित हो, तो ग्रहण योग का निर्माण होता है। जिन लोगों की कुंडली में ये योग हो, उन्हें चंद्रग्रहण के दौरान बचकर रहना चाहिए। चंद्रग्रहण के कारण इन लोगों पर मानसिक रूप से प्रभाव पड़ता है। चंद्रमा के साथ राहु के संबंध से चंद्रमा दूषित हो जाता है जिससे व्यक्ति को मन में नकारात्मक, काल्पनिक ख्याल आने लगते हैं। व्यक्ति को मानसिक समस्याएं होने लगती हैं।
अशुभ फल से बचने के लिए ये उपाय करें
1. जिन लोगों की कुंडली में ग्रहण योग है, उन्हें चंद्रग्रहण के अशुभ योग से बचने के लिए शिवजी की पूजा करनी चाहिए।
2. चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद चंद्रमा से संबंधित चीजों जैसे चावल, दूध, चांदी आदि चीजों का दान करना चाहिए।
3. चंद्रग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलते हुए चंद्रमा और शिवजी के मंत्रों का जाप करें।