डॉ. देवेन्द्र – सदभावना पाती
10 साल के शानदार और गौरवशाली सफर में सदभावना पाती को आपने बहुत प्यार दिया हैं सर्वप्रथम बधाई हमारे पाठकों को जिन्होंने 10 वर्ष के गौरवशाली इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है आपका प्यार पहले से ज्यादा बढ़कर मिल रहा है.
इस शानदार यात्रा में पाठकों के साथ बहुत ही रोमांचक होकर गौरवशाली इतिहास की अनुभूति कर रहा हूं यह परिवार सिर्फ यहां के कर्मचारियों और पत्रकारों तक सीमित नहीं है. बल्कि आप पाठकों का स्नेह और प्रेम ही सबकुछ हमारी पूंजी है आप भी सदभावना पाती परिवार का हिस्सा है.
अप्रैल 2013 का वो दिन जब सदभावना पाती की नींव रखी गई और आज हम 29 अप्रैल 2023 को 10 वर्ष पूर्ण कर 11वें में प्रवेश कर गए, सदभावना पाती अपने इतिहास के गौरवशाली 10 वर्ष पूर्ण कर चुका है. अखबार की इस यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आये परन्तु हमने अपने पाठकों और दर्शकों को उनकी रुचि के अनुरूप खबरों से जोड़ें रखा. हम आज 11वें वर्ष में प्रवेश कर रहे है. लोकतंत्र के मजबूत चौथे स्तंभ की सशक्त भूमिका निभाते हुए और कर्तव्य पथ पर सतत रहते हमने 10 साल की यात्रा पूर्ण की है यह हमारे पाठकों और दर्शकों का शुभाशीष है.
इसके साथ ही यह हमारे साथियों, संरक्षकों, मार्गदर्शकों की कर्मठता है जिसने सदभावना पाती को 10 वर्ष का सफर पूरा करने और भविष्य में नई राह और अपनी मंजिल की ओर चलने के लिए प्रेरित किया है शक्ति दी है.
सदभावना पाती ऐसा समूह है जहां पाठकों और दर्शकों के प्रति प्रतिबद्धता पहली प्राथमिकता है, हर खबर पूरी निर्भीकता, निष्पक्षता और निरंतरता के साथ देता है । यह एक ऐसा मीडिया परिवार है जो समय के साथ कदमताल करते अपने 10 वर्ष की यात्रा को बेहतरीन बनाते हुए आगे बढ़ रहा है, 10 वर्ष की यात्रा के बाद अब हम जल्द ही भोपाल और दिल्ली से संस्करण निकालेंगे. बहुत ही कम रिसोर्सेज और सीमित संसाधनों के साथ सदभावना पाती की यात्रा शुरू हुई थी, सदभावना पाती ने हमेशा देश और देशवासियों, किसानों और मजदूरों के हितों कि पैरवी की है।
यात्रा में हमारे सुधी पाठकों का भरोसा हमारी मुख्य शक्ति है । सही मायने में हमारे पाठक ही हमारे नायक है, सदभावना पाती अखबार आपका हृदय से धन्यवाद प्रेषित करता है । एक शानदार आगाज और सफर लगातार जारी है. डिजिटल की दुनिया में भी आपका बहुत प्यार मिला है और सभी प्लेटफार्म पर आप जुड़े हुए हैं यह प्यार स्नेह बनाए रखिए और इसी तरह हमें प्रेरित करते रहिए.
पुनः धन्यवाद