सहजयोग एक अभिनव आविष्कार

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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वास्तविक जो चीज स्थित (मौजूद) है, जो है ही, उसका आविष्कार कैसे होता है, जैसे कि कोलंबस हिन्दुस्तान खोजने के लिए चल पड़ा था, तब क्या हिंदुस्तान नहीं था, गर नहीं होता तो खोज किस चीज की कर रहा था, सहजयोग तो है ही , पहले से ही है, उसका पता सिर्फ अभी लगा है, सहजयोग ये परम तत्व का अपना तरीका है, ये निसर्ग का अपना एक अनूठा तरीका है, यही एक ही मान है जिसे मानव जाति को उत्क्रांति से उस आयाम में पहुंचाने का एक तरीका है, एक व्यवस्था है, जिसे मानव उस चेतना से परिचित हो जाये, उस चेतना से आत्मसात हो जाये जिसके सहारे ये सारा संसार, सारी सृष्टि और मानव का हृदय भी चल रहा है।

धर्म की खोज में मनुष्य परलोक तक ही पहुंच पाया है, अभी तक परम तक नहीं पहुँचा है और जो परम तक पहुँचे भी थे वो परम को नीचे नहीं ला सके। जब कुण्डलिनी सुषुम्ना से उठेगी तभी आप पार हो सकते हैं लेकिन इसके लिए परमात्मा ने न जाने क्यों एक बड़ी जबरदस्त Condition ( कंडीशन) लगा दी है, एक बड़ी भारी अटकल है उसमें जो देना ही पड़ेगा, वो ये है कि कुण्डलिनी सुषुम्ना पे तभी आयेगी जब परमात्मा का असीम प्रेम उस आदमी में उतर पड़ेगा, जब तक वो प्रेम मनुष्य में उतरेगा नहीं तब तक कुण्डलिनी उठने वाली नहीं है चाहे आप कुछ भी करें, वो नाराज हो सकती है, गुस्सा हो सकती है लेकिन कुण्डलिनी कभी भी नहीं उठ सकती है जब तक वो असीम प्रेम, सुषुम्ना के अंदर जगह बनी हुई है, उसकी जगह बनी हुई है हमारे नाभि चक्र और अनहद चक्र के बीच में एक बड़ी सी जगह बनी हुई है, जब तक उसके अंदर ये प्रेम उतरेगा नहीं तब तक सुषुम्ना से ये प्रवाह उठने वाला नहीं श्री माताजी निर्मला देवी 01 जून 1972 के प्रवचन से साभार इसका अनुभव पाने के लिए www.sahajayoga.org.in के माध्यम से सुषुम्ना नाड़ी में देख सकते हैं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।