शनि जिस राशि में होता है, उसके आगे और पीछे वाली राशि को भी प्रभावित करता है। इस समय शनि कुंभ राशि में है, जो इनकी स्वयं की राशि है। 5 जून को शनि वक्री होंगे और टेढ़ी चाल चलने लगेंगे और इनकी गति धीमी हो जाएगी।
इसके बाद 12 जुलाई को ये कुंभ से निकलकर पुन: मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनि पूरे साल मकर राशि में ही रहेंगे और अगले साल 17 जनवरी को कुंभ राशि में पुन: आ जाएंगे। आगे जानिए शनि की चाल बदलने से देश-दुनिया पर क्या असर होगा.
देश-दुनिया पर शनि का असर
– पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, कुंभ और मकर दोनों ही शनि की राशियां है। शनि करीब ढाई साल तक कुंभ और मकर राशि में भ्रमण करते रहेंगे। शनि के अपनी ही राशियों में होने से फायदे की स्थिति बनेगी।
– शनि के प्रभाव से अनाज की पैदावार अच्छी होगी, साथ ही साथ बाजार में भी उछाल देखने को मिलेगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रगति होगी और दुनिया में भारत के नाम का डंका बजेगा। पड़ोसी देशों से संबंध सामान्य रहेंगे।
– शनि के वक्री होने से देश-दुनिया पर प्राकृतिक आपदा आ सकता है, जिससे जन-धन का नुकसान हो सकता है। शनि के वक्री होकर मकर राशि में आने से आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं।
– महत्वपूर्ण पद वालों को सुरक्षा और सेहत का खासतौर से ध्यान रखना होगा। नहीं तो किसी अनहोनी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। कुछ देशों में किसी वजह से अस्थिरता बढ़ सकती है।
शनि के शुभ प्रभाव से प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में फायदा हो सकता है। नौकरीपेशा लोगों के ट्रांसफर की स्थिति बन सकती है, साथ ही प्रमोशन भी होगा। बिजनेस में भी फायदा हो सकता है।
वहीं, जिन राशियों पर शनि का अशुभ प्रभाव होगा उनके पैर में या हड्डी की चोट लग सकती है। इन लोगों को न चाहते हुए भी कर्जा लेना पड़ सकता है।