आपदा में अवसर ढूंढते, इंसान नहीं हैवान रेमडेसिवीर इंजेक्शन की ब्लेक मार्केटिंग करने वाले क्राईम ब्रांच इन्दौर की गिरफ्त में।

sadbhawnapaati
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 थाना क्राईम ब्रांच इन्दौर की टीम को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि थाना बाणगंगा क्षेत्र में लव कुश चौराहे के आसपास एक सफेद रंग की आल्टो कार क्रमांक MP-33/C-6765 मे चार लडके जो की मेल नर्स व होम आइसोलेशन वाले पेशेंट के प्राइवेट केयर टेकर का भी काम करते है , चारों उक्त सफेद रंग की कार में घूमकर उनके पास रखे रेमडेसिवीर इंजेक्शनों को विक्रय करने हेतु ग्राहकों एवं मरीजों की तलाश मे है ।

जानकारी के मुताबिक निजी अस्पताल में मेल नर्स होने का फायदा उठाकर ये लोग इंजेक्शन तो मंगवाते, लेकिन पेशेंट को लगाने की जगह उसे चुरा लिया करते थे। इसके बाद इंजेक्शन को बाहर बेच देते थे। अब तक आरोपी 30 से ज्यादा इंजेक्शन बेच चुके हैं। पुलिस ने 4 आरोपियों के पास से 5 इंजेक्शन जब्त किए हैं। इसके अलावा, इनके पास से एक कार, 60 हजार 650 रुपए नकद और मोबाइल जब्त किए हैं।

टीम ने पाया कि लवकुश चौराहा सर्विस रोड पर श्मशान के सामने कार खड़ी है। जांच के दौरान कार में चवार लोग बैठे मिले। ड्राइवर सीट पर बैठे युवक ने अपना नाम संदीप ओझा पिता रामजीवन ओझा निवासी ए-1/101, करोल बाग सांवेर रोड बताया। उसने बताया, वह मूलत: श्री आनंदपुर ट्रस्ट सुखपुर अस्पताल ईशागढ़, अशोकनगर का रहने वाला है। वहीं, कार सवार तीन अन्य युवकों ने अपना नाम चिरंजीव पिता रूपसिंह निवासी सिल्वर सी-1 करोल बाग बाणगंगा, हरिराम पिता गणेश राम केवट निवासी 501 हरसिंगार बिल्डिंग बाणगंगा और सोनू पिता कन्हैया बैरवा निवासी करोल बाग सी-1/613 बाणगंगा बताया।

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तलाश में उनके पास से 5 इंजेक्शन मिले। इसकी कीमत करीब 50 हजार रुपए है। इनसे इंजेक्शन को लेकर कागजात मांगे, जो वे दिखा नहीं पाए। पूछताछ में इन्होंने मेल नर्स की नौकरी करना स्वीकार किया। बताया कि ये इंजेक्शन उन्होंने कोविड मरीजों के परिवार वालों से मंगवाए थे। उन्होंने उक्त इंजेक्शन को कोविड मरीज को नहीं लगाया, बल्कि उसे चुरा लिया।उसे ऊंची कीमत पर अन्य मरीज को बेचने वाले थे। उन्होंने बताया कि अब तक वे इसी प्रकार से 30 से अधिक इंजेक्शन बेच चुके हैं। वे एक इंजेक्शन को 25000 से 40000 रुपए में बेचते हैं।

आरोपी गणों द्वारा उक्त रेमडेसिवीर इंजेक्शन अब तक किन से लिए एवं किन-किन को सप्लाई किए तथा प्रकरण में मेडिकल स्टोर व अन्य किसी अस्पताल की भूमिका के संबंध में पूछताछ एवं विवेचना की जाना शेष है जिसमे अन्य आरोपी गणों के नाम सामने आने की संभावना है ।

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