सैक्स रैकेट और मानव तस्करी: बांग्लादेशी युवतियों से देह व्यापार कराने वाले सूरत के 2 एजेंट गिरफ्तार

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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अब तक एक हजार लड़कियां लाए और उन्हें बेचा या फिर कांट्रेक्ट पर दिया युवतियों की सप्लाई सूरत के स्पा सेंटरों के अलावा इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु में भी देह व्यापार के लिए बांग्लादेश से बॉर्डर पार करवाकर भारत लाने वाले सूरत के दो बड़े एजेंटों को विजय नगर पुलिस की टीम ने चार दिन की जांच के बाद गिरफ्तार किया है। टीम को बांग्लादेशियों के रैकेट में पहली कार्रवाई में पकड़े गए लोकल एजेंट से सुराग मिले थे। इसमें बताया गया था कि बांग्लादेशी लड़कियों को देह व्यापार के लिए सूरत से दो बड़े एजेंट बड़े शहरों में और स्पा सेंटरों में नौकरी के नाम पर भेजकर देह व्यापार करवाते हैं। अब तक करीब 1 हजार से ज्यादा बांग्लादेशी लड़कियां देश में देह व्यापार के लिए लाए जाने की बात कबूली जा चुकी है। डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि सूरत से पकड़े गए दोनों एजेंट आरोपी आरुज सैयद (32) और टीटू गाजी बंगाली (34) हैं। इनका बांग्लादेश से सीधा कनेक्शन है। इनका वहां के सक्रिय एजेंटों से सीधे संपर्क होना पता चला है। ये सूरत में स्लम इलाके की बस्ती में किराए का मकान लेकर रह रहे थे।

4 दिन से इनकी तलाश में हमारे यहां की टीमें सक्रिय थीं, लेकिन अखबारों और न्यूज चैनल में रैकेट का खुलासा होने के बाद ये अपना पुराना घर छोड़कर भाग गए थे। जब इन्हें पकड़ा तो इन्होंने 1 हजार से ज्यादा लड़कियों के कई सालों में भारत लाकर विभिन्न शहरों के एजेंटों को बेचने और कांट्रेक्ट पर देने की बातें कही हैं। एजेंट बनकर आरोपियों तक पहुंची पुलिस डीआईजी ने बताया कि इंदौर पुलिस की टीम पांच दिन से सूरत में आरोपियों की तलाश में डेरा डाले थी। टीम के जवान एजेंट बनकर बांग्लादेशी लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाले बनकर गए थे। वहां के कुछ छोटे एजेंटों को ये जानकारी दी कि उन्होंने उन्हें रुपए खाते में डलवा लिए हैं, लेकिन लड़कियां नहीं मिलीं। इस पर कुछ एजेंटों ने पुलिस जवानों को एजेंट मानकर ही उनकी जानकारी दे दी। इसी के बाद तस्दीक होते ही दोनों को घेराबंदी कर पकड़ लिया।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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