गृह मंत्री अमित शाह के मध्य प्रदेश के दौरे के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी की अंदरुनी सियासत में हलचल तेज हो चली है। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा के दिल्ली दौरे के चार दिन बाद अब राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजधानी पहुंचे।
मंगलवार को सीएम चौहान ने राष्ट्रपति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है। भाजपा संसदीय बोर्ड से हटाने के बाद शिवराज का यह पहला दिल्ली दौरा है।
पार्टी की शीर्ष कमेटी से हटाए जाने के बाद सीएम चौहान की भाजपा अध्यक्ष नड्डा से यह पहली मुलाकात है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भोपाल में सीएम की वन टू वन मुलाकात को अहम बताया गया था। यह सब देखते हुए अटकलें लगाई जा रही है कि मध्यप्रदेश की सियासत करवट लेने वाली है।
सियासी बदलावों की आहट
चौहान के दिल्ली दौरे को सियासी बदलावों की आहट के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, शिवराज सरकार में चार मंत्रियों की जगह खाली है। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लगातार चर्चाएं होती रहती हैं।
पार्टी ने कभी भी आधिकारिक रूप से इसके संकेत नहीं दिए हैं। इसी बीच रविवार को ज्योतिरादित्य से शिवराज की मुलाकात और मंगलवार को उनके दिल्ली दौरे को लेकर फिर से अटकलें तेज हो गई हैं।
सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मुख्यमंत्री कैबिनेट और निगम,मंडलों में खाली पद भर लेंगे। हालांकि, पार्टी के नेता इन अटकलों को खारिज कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार दोपहर को नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पहली आधिकारिक मुलाकात की।
इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री आर के सिंह औऱ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे। फिर वे केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने पहुचे।
सीएम चौहान और भाजपा अध्यक्ष की मुलाकात को लेकर अटकलें लगाई जा रही है कि मध्यप्रदेश की सियासत करवट लेने वाली है।शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं।
पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मध्यप्रदेश दौरे पर उन्होंने कई नेताओं से वन टू वन मुलाकात की थी। शाह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा से अलग-अलग बातचीत की थी। इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही संगठन में बदलाव की चर्चा तेज हो गई थी।
एमपी में भी डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा
प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव ठीक एक वर्ष बाद होना है। इसी को देखते हुए पार्टी प्रदेश में बड़े बदलाव कर सकती है। इसमें जातिगत समीकरणों को संतुलित करने के लिए एक या दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते है।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि भाजपा हाईकमान मिश्रा को डिप्टी सीएम का पद से सकती है। कहा जा रहा है कि नरोत्तम मिश्रा को उपमुख्यमंत्री बनाकर भाजपा जातिगत समीकरण साधने के साथ अन्य कई निशाने साध सकती है।
चार दिन पहले ही मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी दिल्ली आए थे। दरअसल, शिवराज के ही कैबिनेट में ही गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा उनके प्रतिस्पर्धी माने जाते हैं।