सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक सप्ताह के 6 दिन रोज खुलेगा सियागंज का बाजार, जाने नियम

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sadbhawnapaati
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नए नियम से सियागंज के थोक किराना बाजार में सप्ताह के छह दिन दुकानें खुलेंगी लेकिन शुक्रवार से कड़े नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। सियागंज के थोक कारोबारी दोपहिया पर आने वाले खेरची दुकानदारों को सामान नहीं देंगे। बाजार खुलने का समय सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक का रहेगा लेकिन आधे घंटे पहले से दुकानें बंद करना शुरू करना होगा। प्रशासन की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं।

सोमवार को व्यापारी एसोसिएशन ने तीन दिन दुकानें खुली रखने व तीन दिन बंद रखने का निर्णय लिया था। मंगलवार को इसका पालन करवाने के बाद बुधवार को जब दुकानें खुली तो भारी भीड़ जुटी। कई व्यापारियों ने असंतोष भी जताया तो एसोसिएशन ने इस बंधन को खत्म कर दिया। गुरुवार को एसडीएम पवन जैन ने व्यापारियों की बैठक ली। एसडीएम ने बाजार में भीड़ नियंत्रित करने के लिए कुछ नियमों का पालन कराने को कहा कि स्कूटर पर आने वाला व्यापारी सामान पकड़ने के लिए अपने साथ एक और व्यक्ति को लाता है। इसलिए स्कूटर वालों को दुकान से सामान नहीं दिया जाए। फोन पर उनसे आर्डर लेकर व्यापारी खुद उनकी दुकानों पर सामान डिलीवरी करें। किसी भी दुकान में व्यापारी और हेल्पर मिलाकर तीन से ज्यादा कर्मचारी नहीं रह सकेंगे। एक बार में दो से ज्यादा ग्राहक दुकान में नहीं रहेंगे।

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साथ ही व्यापारी अपनी दुकान के बाहर सामान नहीं सजा सकेंगे। यदि ऐसा किया तो जब्ती और दुकान सील करने की कार्रवाई होगी। सियागंज व्यापारी एसोसिएशन ने नियमों के पालन को लेकर सहमति दे दी है।

सियागंज व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने दाम बढ़ाने वाले शहर के व्यापारियों को आड़े हाथों लिया है। खंडेलवाल ने कहा है कि कुछ व्यापारी बाजार के सीमित समय और कोरोनाकाल का लाभ लेकर ग्राहकों को सामान दाम बढ़ाकर बेच रहे हैं। मैं हाथ जोड़कर सबसे अपील कर रहा हूं कि ऐसे विपरीत समय पर कोई भी ऐसा न करें।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।