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नियम तोडना आदत में शुमार :  रेरा अनुमति के पहले ही शंखेश्वर विहार को बेच चुके हैं दासोत अब शिव नगरी सिम्बा सिटी को बेच रहे, निवेशक बहाएंगे “सॉलिड – टियर”  

श्रृंखला 3 –   “समरथ को नहीं दोष गोसाईं

न वजीर (सौरभ जैन), न प्यादा  (विवेक सिन्नारकर), न ही सम्पत्ति पंजीकृत, तो राजा (संजय दासोत) को किसका खौफ…? 

डॉ. देवेंद्र मालवीय

Solitaire Realty Indore News. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण मध्यप्रदेश (रेरा) और इंदौर प्रशासन इतना सुस्त कभी नहीं रहा जितना अभी दिख रहा है. ख़बरें और शिकायतों के बावजूद भी प्री लॉन्चिंग के चल रहे करोड़ों रुपयों के खेलों को पनाह देते अधिकारी साफ़ दिखाई दे रहे है. विगत 2 दिनों से चल रही श्रृंखला की आज की कड़ी में सॉलिटेयर “खेल” के खिलाडी संजय दासोत से पूछे गए सवालों में अगले 2 सवाल यह थे…

सवाल नंबर 5. विवेक सिन्नारकर द्वारा स्वीकार किया गया है की रेरा अनुमति आने के पूर्व ही SHANKESHWAR VIHAR के प्लॉट्स की प्री लॉन्चिंग बुकिंग कर ली गई थी इस बारे में आपका क्या पक्ष है ?

हमारी पड़ताल – हमारे द्वारा विवेक सिन्नारकर का स्टिंग ऑप्रेशन किया गया, प्री लॉन्चिंग प्लॉट्स बेचने के लालच में 40 मिनिट से अधिक के वीडियो में विवेक ने सॉलिटेयर रियल्टी और साकार रियल्टी के कई राज से पर्दाफास किया। जिसमे से एक बड़ी बात सामने आयी की, शंखेश्वर विहार जो की सॉलिटेयर रियल्टी की एक परियोजना है एवं अब रेरा से पंजीकृत परियोजना है को संजय दासोत ने इसी तरह प्री लॉन्चिंग में 1200 रुपय ओपनिंग रेट से बेचा था और वर्तमान में इसका मूल्य 3000 से अधिक स्क्वायर फ़ीट है. इन पुख्ता सबूतों और विवेक सिन्नारकर की स्वीकारोक्ति के बाद भी दासोत इस बारे में कोई जवाब देने से कतरा रहे है.या कहे की उनके पास इस सत्य का कोई जवाब ही नहीं है.

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रेरा के अधिनियम 2016 – धारा 3  के अनुसार कोई भी प्रमोटर रेरा में रजिस्टर्ड कराये बिना कोई भी योजना को नहीं बेच सकता,  नियमनुसार हर प्रोजेक्ट की जानकारी रेरा को देना आवश्यक है.  (इसके उल्लंघन पर धारा 59 के मुताबिक परियोजना की लागत का 10% तक जुर्माना, यदि रेरा के अधिकारी ईमानदारी से वसूली करें दासोत पर 200 करोड़ से अधिक की पेनल्टी लगकर राशि की वसूली हो सकती है.)

शंखेश्वर विहार रेरा की वेबसाइट पर इसकी वैधता 21-08-2023 से 25-04-2026 दर्शायी गई है विवेक सिन्नारकर के वीडियो अनुसार उसको कई वर्ष पहले ही प्री लॉन्च में बेच दिया गया था. अमन एवं संजय दासोत द्वारा 16 मई 2023 को रेरा में दिए गए नोटराइज्ड शपथ पत्र में शपथपूर्वक कहा गया है शंखेश्वर विहार की हमारे द्वारा कोई मार्केटिंग नहीं की गई है न ही कोई प्लाट की बुकिंग और सेलिंग की गई है. यह सब प्रोसीडिंग रेरा रजिस्ट्रेशन के बाद ही की जाएगी। साफ़ है की दासोत परिवार द्वारा रेरा में दिया गया शपथ पत्र पूर्णता झूठा है.रेरा को इसकी जांच कर शंखेश्वर विहार का रजिस्ट्रेशन निरस्त करना चाहिए और संजय दासोत पर झूठे नोटराइज्ड शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर विधि अनुरूप कार्यवाही करना चाहिए। (नोटराइज्ड शपथ पत्र लगाएं)

सवाल नंबर 6.  आपके डीलर सौरभ जैन और उनके सहयोगी विवेक सिन्नारकर का रेरा पंजीकरण नंबर देवें ?

हमारी पड़ताल – सूत्रों से मिली जानकारी से सौरभ जैन भारत में रहकर नाम पैसा और शोहरत कमाते है पर ये एक एनआरआई हैं, यहाँ संजय दासोत के सिपहसलार बनकर करोड़ों रुपयों की डीलिंग करते है, सौरभ जैन रेरा में पंजीकृत एजेंट नहीं है. सूत्रों के अनुसार इनके एनआरआई होने के पीछे भी बड़ा राज है और संजय दासोत की गुप्त राजनीती का हिस्सा है. ऐसे ही विवेक सिन्नारकर जो की खुलेआम नियमों की धज्जियाँ उड़ाते है ये भी रेरा में पंजीकृत एजेंट नहीं है.

न वजीर (सौरभ जैन), न प्यादा  (विवेक सिन्नारकर), न ही सम्पत्ति पंजीकृत,तो राजा (संजय दासोत) को किसका खौफ…? 

संजय दासोत को किसी का कोई खौफ नहीं है धनबल से सबको दबाने वाले दासोत कानून तोड़ने के आदि दिखाई देते है, इनके पूर्व दर्जनों प्रोजेक्ट अपने अंजाम की राह वर्षों से देख रहे है. हम इनके पूर्व प्रोजेक्ट्स की हालात देखते हुए निवेशकों को सावधान करते है की सोच विचार कर कदम बढ़ाएं कही आपको भी पूर्व निवेशकों की तरह सपनों को “साकार” करने की जगह “सॉलिड – टियर”  न बहाना पड़ जाये।

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