SP News Editorial – चल चल में चल दी सरकार
मैनेजमेंट गुरु कहे जाने वाले कमलनाथ के मैनेजमेंट पर शिवराज सिंह चौहान की मीठी बोली मध्य प्रदेश की जनता पर असर कर गई और उम्मीद से कहीं ज्यादा सीटें उपचुनाव में बीजेपी के खाते में गई ।
बता दें कि कमलनाथ जब सेंट्रल की राजनीति करते थे तो उनके गिने चुने समर्थक मध्यप्रदेश में हुआ करते थे सूत्रों के अनुसार कमलनाथ के 30 -32 लोगों की कोर कमेटी थी ।
परंतु प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही कमलनाथ ने अपने लोगों से किनारा करना चालू कर दिया था और दिग्विजय सिंह के समर्थकों को ज्यादा तवज्जो देना चालू कर दिया था जिस कारण टिकट बंटवारे में भी कमी रह गई । जिस कारण बड़ी कशमकश में सरकार बन पाई ।
कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जहां उनकी कोर कमेटी को इग्नोर किया गया वही कुछ दलाल टाइप के लोगों को आगे बढ़ाया गया , जिसके कारण कमलनाथ के विश्वसनीय लोग दूर होते गए, और जनता में भी कमलनाथ की पकड़ कम हो गई ।
चल चल में चल दी कमलनाथ सरकार
जहां कमलनाथ अहंकार से पीड़ित थे वही उनकी बोली में मिठास ना होने के कारण और पद की लोलुपता के कारण अनेक विधायक और मंत्री के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनसे खफा रहते थे ।
परिणाम यह हुआ कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस को अलविदा कह दिया ।
कमलनाथ से मिलने पर उनके द्वारा चल चल कहा जाता था इसका परिणाम यह हुआ की चल चल में चल दी सरकार ।
वही मृदुभाषी और मीठे व्यवहार के कारण शिवराज सिंह चौहान ने मामा के रूप में जनता के दिलों में जगह बनाए रखी और उपचुनाव में एक तरफा रिजल्ट लाकर दिखा दिया कि शिवराज का मैनेजमेंट कमलनाथ के मैनेजमेंट पर भारी है ।
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