कांग्रेस के उदयपुर के चिंतन शिविर का मध्य प्रदेश में तेजी से प्रभाव दिख रहा है। एक व्यक्ति एक पद के निर्णय के तहत प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी छोड़ने के जीतू पटवारी की पेशकश के एक दिन बाद ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडिया विभाग भंग कर दिया है। बीजेपी सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस जबरदस्त गुटबाजी की शिकार है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को मीडिया विभाग को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। इस संबंध में पार्टी के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने पत्र जारी किया है।
बता दें प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित कर कहा कि मैं मध्य प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष हूं।
साथ ही मीडिया विभाग का अध्यक्ष भी हूं। पटवारी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से निवेदन किया कि मीडिया विभाग अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी अन्य साथी को दी जाए।
मीडिया विभाग को भंग करने के साथ ही चंद्रप्रभाष शेखर की तरफ से जीतू पटवारी को मीडिया विभाग के अध्यक्ष पद से मुक्त करने का भी पत्र जारी किया।
साथ ही जीतू पटवारी के अध्यक्ष पद पर रहते कामों की सराहना भी की। कांग्रेस के एक व्यक्ति एक पद के निर्णय के दायरे में मध्य प्रदेश में कई नेता आएंगे। दरअसल प्रदेश के कई जिलों के पदाधिकारियों के पास प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव, प्रवक्ता जैसे पद हैं।
कांग्रेस जबरदस्त गुटबाजी की शिकार
कमलनाथ के मीडिया विभाग को भंग करने पर बीजेपी सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस जबरदस्त गुटबाजी की शिकार है। जीतू पटवारी ने जब बजट स त्र के बहिष्कार की बात की तो कमलनाथ ने उन्हें फटकार लगाई थी।
सारंग ने कहा कि जब जीतू पटवारी को जब सूचना मिली की मुझे पद से हटाया जा रहा है, तो उन्होंने पहले ही ट्वीट कर कह दिया की मैं पद से हटना चाहता हूं।
यह कांग्रेस की गुटबाजी को प्रदर्शित करती है। सारंग ने कहा कि चिंतन शिविर के निर्णयों को इस तरह से अमलीजामा पहनाना हो कि केवल ट्वीट कर अपनी फेस सेविंग हो जाये तो ना चिंतन का मतलब ना ही शिविर का मतलब।
जिस तरह से नेहरू परिवार ने कांग्रेस पर कब्जा किया हुआ है, चिंतन शिविर के सुझावों का पालन सबसे पहले नेहरू परिवार को करना पड़ेगा। जिस तरह से कांग्रेस के मीडिया विभाग को भंग किया गया है वो कमलनाथ, जीतू पटवारी और दिग्विजय की आपस की गुटबाजी को प्रदर्शित करता है।