इंदौर में सख्त कर्फ्यू, विजयवर्गीय ने कहा- निर्णय तानाशाहीपूर्ण, मोघे ने भी उठाए सवाल, कलेक्टर ने बताया 1 जून से इंदौर होगा अनलॉक, देखें विडियो

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कोरोनावायरस पर ‘अंतिम प्रहार’ को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आह्वान के अगले ही दिन शुक्रवार से इंदौर जिले में महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए जनता कर्फ्यू अगले को 8 दिन के लिए सख्त कर दिया गया। प्रशासन के इस निर्णय पर भाजपा महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
अलोकतांत्रिक फैसला : भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने गृह जिले में प्रशासन के इस आदेश की ओर इशारा करते हुए ट्वीट किया- आखिर क्या जरूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की? जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिए, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिए।

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पूर्व सांसद मोघे ने मुख्‍यमंत्री के लिखे खत में इंदौर कलेक्टर द्वारा जारी आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज से ही अगर बंद करने के निर्देश जारी होते हैं तो इससे किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्‍योंकि किसानों और व्यापारियों द्वारा मंडियों में सब्जियां एवं फल गोदामों में रखे होते हैं।
मोघे ने कहा, किसानों और व्यापारियों को उस माल को निकालने के लिए कम से कम 10 से 12 घंटे का समय देना उचित होगा, जिससे कि उनको आर्थिक नुकसान न हो। पूर्व सांसद मोघे ने कलेक्‍टर से इस विषय में शीघ्र आवश्‍यक कदम उठाने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।

इस बीच इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने शुक्रवार को संकेत दिए कि 1 जून से शहर को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। अनलॉक की प्रक्रिया में किन चीजों को शुरुआत में छूट मिलेगी, कलेक्टर ने इस बारे में भी इशारा किया।कलेक्टर ने बताया कि राशन दुकानों को 1 जून से खोला जा सकता है। इसके साथ कंस्ट्रक्शन संबंधी गतिविधियों में भी छूट मिल सकती है। रेस्टोरेंट में टेक अवे की सुविधा शुरू की जा सकती है। पहले चरण में सब्जी किराना के बाद थोक व्यापार व निर्माण गतिविधियों की अनुमति मिलेगी। दूसरे चरण में खुदरा दुकान व टेक अवे सुविधा के साथ रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत दी जाएगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।