छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में अंधेरे में रात काटने मजबूर छात्र और स्टाफ, 50 घंटे से नहीं है लाइट

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज परिसर में बीते दो दिन से भी ज्यादा समय से लाइट नहीं है। बिजली गुल होने के कारण हॉस्टल में रहने वाले छात्र और स्टाफ के परिवार को अंधेरे में दिन-रात गुजारना पड़ रहा है। कुछ छात्रों की सोमवार सुबह परीक्षा थी लेकिन लाइट न होने के चलते वह पढ़ भी नहीं सके। मेडिकल अधीक्षक डॉ. हेमंत अहिरवार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज परिसर में दो ट्रांसफार्मर हैं हमेशा प्रॉब्लम करते हैं जिसकी कई बार शिकायत भी की गई लेकिन बिजली विभाग ने उस पर ध्यान नहीं दिया और आखिरकार दोनों पूरी तरीके से खराब हो गए, जिसकी वजह से करीब 50 घंटे से बिजली गुल है उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज परिसर के आसपास घनी झाडिय़ां और नाले हैं इसकी वजह से जहरीले जीव जंतुओं का खतरा बना रहता है। बिजली नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को है।
वहीं, एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों का कहना है कि करीब 50 घंटे से बिजली गुल होने की वजह से वे सोमवार को होने वाली परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं कर सके। लाइट न होने के खामियाजा अब उन्हें भुगतना पड़ेगा। छात्रों का कहना है कि उन्होंने कई बार बिजली विभाग को शिकायत की थी, लेकिन विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। मेडिकल कॉलेज के शुरू हुए 2 साल हो गए हैं। लेकिन बावजूद उसके यहां के हालात में कोई सुधार नहीं है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।