एक प्रेम कहानी का दुखद अंत होने के मामले में नया खुलासा हुआ है। घटना जबलपुर की है जहाँ आरोपी धीरज ने विजेत (40) को 500 मीटर दौड़कर धारदार हंसिया से वार किया था। आरोपी ने थाने में पूछताछ के दौरान बताया कि खेतों के मेड़ पर गिरते ही उसने 15 से 16 वार किए और सिर अलग होने के बाद ही रुका। वह ठान चुका था कि या तो वह जिंदा रहेगा या फिर विजेत। 40 वर्षीय विजेत ने अपनी उम्र से 21 साल छोटी पूजा से भगाकर शादी की थी।
तिलवारा पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हंसियानुमा धारदार हथियार और उसके कपड़े आदि जब्त कर लिए हैं। आरोपी धीरज शुक्ला ने बताया कि बहन पूजा को सब्जबाग दिखाकर शादी करने वाला विजेत, उसे मारने-पीटने लगा था। रविवार को उसकी बहन उसे छोड़कर मायके आई थी। बावजूद वह घर के पास दो दिन से मंडरा रहा था।
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घटना इस प्रकार है |
11 मार्च गुरुवार सुबह आरोपी धीरज तिलवारा की ओर गया था। इस दौरान उसने देखा कि विजेत गांव की ओर जा रहा है। इसके बाद वह लौट आया। घर आकर वह छत पर गया। चारों तरफ नजर घुमाई तो घर के पीछे की झाड़ियों में विजेत काे खड़ा पाया। इसके बाद उसने झाड़ी काटने वाली बड़ी हंसिया उठाई और उसे दौड़ा लिया। इस हत्याकांड को पूरे गांव वालों ने देखा, लेकिन किसी ने पुलिस के सामने जुबान नहीं खोली। खुद आरोपी धीरज ने कबूलनामे में पुलिस को यह बताया है।
हत्या के बाद घर आया, मोबाइल-पर्स बहन को देते हुए बोला, अब तुम्हें “वह’ परेशान नहीं करेगा
विजेत की हत्या के बाद खून से सना धीरज घर पहुंचा। उस समय कमरे में उसकी बहन पूजा (19) झाड़ू लगा रही थी। उसी ने दरवाजा खोला। भाई को खून से सना देख सन्न रह गई। मुंह से बोल नहीं फूटे। धीरज ने ही पहल करते हुए उसे अपना मोबाइल और पर्स दिया। बाेला कि अब तुम्हें “वह’ कभी परेशान नहीं करेगा। पूजा ने पूछा कि क्या कर दिए भइया? पर वह बिना कुछ बोले बाइक स्टार्ट की और बोरी में सिर लेकर खुद ही तिलवारा थाने पहुंच गया। इधर, कुछ देर बाद ही मायके में रह रही उसकी बहन पूजा ने पंखे में चुनरी का फंदा लगाकर जान दे दी।
मेरी बेटी को मारता-पीटता था विजेत |
आरोपी धीरज शुक्ला की मां बबली शुक्ला ने बेटी पूजा की आत्महत्या के बाद रोते हुए बताया कि विजेत के चलते सब कुछ समाप्त हो गया। वह मेरी बेटी को शादी के कुछ दिन बाद से मारने-पीटने लगा था। उसे दिल्ली व आगरा घुमाने ले गया था। वहां भी उसके साथ मारपीट की थी। गंगानगर गढ़ा में अपने चाचा के पास रखा था। वहां भी मारपीट करता था।
रविवार रात एक बजे फोन कर पूजा ने रोते हुए बोला था, ले चलो मुझे
रविवार रात एक बजे पूजा ने अपने चाचा ससुर के मोबाइल से फोन किया था। उसने भाई से कहा कि भइया मुझे ले चलो, अब मैं नहीं रहना चाहती हूं। मुझे जैसे रखोगे, रह लेंगे, बस मेरी शादी मत करना। आने के बाद बेटी ने बताया कि कैसे उसकी ननद और पति टार्चर करते थे। बुधवार रात 8.30 बजे भी विजेत पीछे झाड़ी से टॉर्च मार रहा था। गुरुवार सुबह भी वह गांव में आया था।
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