"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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एमपी के अस्पतालों में कोरोना मरीजों को बेड और ऑक्सिजन के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। कोरोना की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी भी इस काल में इलाज के लिए लाचार नजर आ रहे हैं। एमपी के अशोकनगर जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देख कलेजा कांप जाएगा। कोरोना ड्यूटी में तैनात पटवारी की अस्पताल में मौत हो गई है। सब इंस्पेक्टर पत्नी शव के पास बैठकर बच्चों के साथ बिलख रही है।
दरअसल, मुंगवाली तहसील के कंटेनमेंट जोन प्रभारी पटवारी की बुधवार सुबह सही इलाज न मिलने की वजह से फर्श पर मौत हो गई है। उनकी चंदेरी थाने में सब इंस्पेक्टर है। पत्नी ने कहा कि पति कोरोना काल में संक्रमित हो गए थे। मंगलवार देर रात कड़ी मशक्कत में अस्पताल में बेड मिल गया था। मगर वहां कोई व्यवस्था तक नहीं थी।
रोती पत्नी ने कहा कि बेड मिल गया था। भर्ती होने के बाद उन्होंने कहा कि घुटन हो रही है। वार्ड में एक पंखे तक की व्यवस्था नहीं थी। साथ ही कोई देखने वाला नहीं था। ऐसे में हमलोग उन्हें बाहर लेकर आए। बाहर में फर्श पर ही लिटा दिया। बुधवार की सुबह उन्होंने फर्श पर ही दम तोड़ दिया।
[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”] बिलखते बच्चों को संभालती
एसआई के पति कमलेश भगत मुंगावली तहसील के पटवारी थे। पत्नी आद्रियाना भगत चंदेरी थाने में सब इंस्पेक्टर है। एसआई ने आरोप लगाया है कि सही से डॉक्टर देखने भी नहीं आए थे। उनका ऑक्सिजन लेवल लगातार गिर रहा था। जिला अस्पताल के फर्श पर ही उनकी मौत हो गई। मौत के बाद बच्चे पिता के शव के पास बिलख रहे थे। उसके बाद एसआई दोनों बच्चों को संभालती और शव से लिपटकर रोती।
अब रूह को कंपा देनी वाली यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है। उसके बाद लोग सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। साथ ही पूछ रहे हैं कि अस्पताल में क्या यही व्यवस्था है। कोरोना काल में एमपी के कई जिलों से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं। एक दिन पहले भी रतलाम में एक वकील की ऐसे ही मौत हो गई थी।
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati)
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