पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति तथा आवास गृह सहायता योजना के आवेदनों को गंभीरता से लेवें – कलेक्टर मनीष सिंह 

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छात्रवृत्ति प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही करने वाले शैक्षणिक संस्था प्रमुखों के विरूद्ध की जाएगी कार्यवाही

इंदौर. इंदौर जिले में स्थित सभी शैक्षणिक संस्था के प्राचार्यों और संचालकों को निर्देश दिये है कि वे अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों के लिये क्रियान्वित पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति तथा आवास गृह सहायता योजना के आवेदनों को गंभीरता से लेवें। विद्यार्थियों की समस्याओं का महाविद्यालय में ही निराकरण सुनिश्चित करें। प्रक्रियात्मक समस्याओं के निराकरण के लिये आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा महाविद्यालयों के सहयोग के लिये महाविद्यालयों में दल भेजे जा रहे है। कलेक्टर मनीष सिंह ने शैक्षणिक संस्था प्रमुखों को निर्देश दिये है कि वे इन दलों को पूरा सहयोग प्रदान करें तथा विद्यार्थियों को जागरूक करे कि वे अपने आवेदनों की कमियों को यथाशीघ्र दूर करें। इस संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा सभी संस्था प्रमुखों को पत्र भेजकर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं। निर्देशों का पालन नहीं करने वाले तथा छात्रवृत्ति प्रकरणों में लापरवाही करने वाले संस्था प्रमुखों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

आदिम जाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त सुश्री निशा मेहरा ने बताया कि  बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थी अध्ययनरत होकर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता का लाभ ले रहे है, जिनकी सम्पूर्ण कार्यवाही सहायक आयुक्त, अनुसूचित जाति तथा जनजातीय कार्य विभाग द्वारा की जा रही है। समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि अनुसूचित जाति तथा जनजाति के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता के MPTAAS OR NIC-2.0 पोर्टल पर आवेदन करने के संबंध में कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है, जिसके परिणाम स्वरूप छात्र/छात्राओं द्वारा ऑनलाइन आवेदन करते समय कई महत्वपूर्ण अभिलेख अपलोड नहीं किये जा रहे है एवं जो खाता नम्बर दर्ज किये जा रहे है उनके NPCI Active नहीं है और कई प्रकरणों में EKYC नहीं कराई गई है। जिसके फलस्वरूप पोर्टल के माध्यम से ना तो छात्रवृत्ति स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण हो पा रहीं है और ना ही स्वीकृत किये जा चुके प्रकरणों में NPCI Inactive खाते होने के कारण छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो रहा है। जिससे विद्यार्थियों को परेशानी उठाना पड़ रही है। अपनी समस्या के निराकरण के लिये बड़ी संख्या में विद्यार्थी जनसुनवाई में एवं कलेक्टर कार्यालय में आ रहे है।
कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा बताया गया कि अनुसूचित जाति तथा जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अधिकृत दल महाविद्यालयों में भौतिक सत्यापन एवं जांच हेतु भेजे जा रहे है। निर्देश दिये गये है कि इन दलों को संलग्न चेकलिस्ट अनुसार अभिलेख इत्यादि दिखाना सुनिश्चित करें तथा जिन छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता के प्रकरण NPCI / EKYC आदि अभिलेखों की कमी के कारण लंबित है, उन्हें एक सप्ताह के अन्दर पूर्ति कराना सुनिश्चित करें। अनुसूचित जाति तथा जनजाति के विद्यार्थियों को पात्रता होने के बाद भी छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता के लाभ से वंचित रहने पर संबंधित  संस्था के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।