घोटालों की चोइथराम मंडी पिछले कई वर्षों पर नाकों पर कब्जा जमाने वाले फिर यहीं पर आए, अवैध वसूली को लेकर कई बार हो चुका है यहां विवाद |

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इंदौर । प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी कहलाने वाली देवी अहिल्याबाई होलकर फल एवं सब्जी मंडी के नाकों पर पिछले कई वर्षों से अवैध वसूली चर्चाओं में रही है। यहां पर अवैध वसूली और विवाद हमेशा शहर से लेकर प्रदेश तक में छाए हुए हैं लेकिन इस टी चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी में भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद कुछ कर्मचारियों का तबादला कर दिया था और अब उनमें से आधे कर्मचारी पुनः यहां पर आ गए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां पर मंडी की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए भी कैमरे लगाए गए थे लेकिन अब हालत यह हो गई कि जो कैमरा गेट पर लगे थे उनकी सेटिंग बदलकर मंडी परिसर की ओर कर दी गई है ताकि वसूली की रिकॉर्डिंग नहीं हो सके । इसके साथ ही मंडी गेट पर रोजाना हजारों रुपए की वसूली होती है और यहीं से साग सब्जी से लेकर फल वरिष्ठ अफसरों के बंगलों तक पहुंचाने का काम कर्मचारी करते हैं । मंडी समिति में पदस्थ अधिकारियों से सेटिंग कर पुनः अधिकारी यहां पर आ गए हैं । यह भी कहा जा रहा है कि यहां पर रोजाना लाखों रुपए की कमाई तक भी हो जाती है जिसमें तीनों प्रमुख गेटों पर ऐसी स्थिति होने के कारण एक बड़ा हिस्सा मंडी में पदस्थ अधिकारियों के पास भी पहुंचता है तो यहां से हिस्सा ऊपर से नीचे तक बैठने के कारण किसी तरह का विवाद नहीं होता है।

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हालांकि पिछले कई वर्षों से जमे कर्मचारियों में से तकरीबन 30 से 35 कर्मचारियों का यहां से तबादला किया गया था लेकिन अभी हाल ही में जानकारी मिली है कि तकरीबन 13 कर्मचारियों की वापसी होकर मंडी प्रबंधन के यहां से उनकी ड्यूटी फिर से मंडी गेट पर लगा दी गई है । यह समझ से परे है कि ऐसा क्यों हुआ है लेकिन जिस तरह से गड़बड़ घोटाले हो रहे हैं उसको देखते हुए आज भी उंगलियां यहां पर उठती है और विवाद की स्थिति बनती है लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती है।

कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली को लेकर पहले भी कई बार विवाद हुआ जिसकी शिकायत यहां से भोपाल तक हुई थी। कृषि उपज मंडी भोपाल से मिले निर्देश के बाद यहां पर बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को इधर-उधर किया था लेकिन लगभग सभी कर्मचारी यहां पर आने की फिराक में है जिसमें से 12 से 13 कर्मचारी यहां पर आ गए हैं। मजेदार बात तो यह है कि मंडी समिति में पदस्थ अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी गेट पर लगा दी है, कहा जा रहा है कि बड़े पैमाने पर अवैध वसूली जारी है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।