National News – फोन टैपिंग के आरोपों वाली रिपोर्ट को सरकार ने किया खारिज, जानिए पूरा मामला

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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National News.भारत सरकार ने अपने ऊपर लगे जासूसी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भारत में लोकतंत्र की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। भारत सरकार ने इंटरनेशनल मीडिया कंसोर्टियम की उस रिपोर्ट को खारिज किया है, जिसमें भारत सहित कई देशों की सरकारों पर फोन टैपिंग के जरिए जासूसी के आरोप लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 300 से ज्यादा लोगों के फोन टैप कराए गए हैं। इनमें दो केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, 40 से अधिक पत्रकार, एक मौजूदा जज, सामाजिक कार्यकर्ता और कई उद्योगपति शामिल हैं।

ये फोन 2018 और 2019 के बीच फोन टैप कराए गए थे।फोन टैपिंग के लिए इजराइल के सॉफ्टवेयर का इस्तेमालइंटरनेशनल मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में बताया गया है कि फोन टैपिंग के लिए इजरायल की कंपनी के पिगासस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है। भारत के अलावा अजरबैजान, बहरीन, कजाखस्तान, मेक्सिको, मोरक्को, रवांडा, सऊदी अरब, हंगरी और संयुक्त अरब अमीरात पर भी इसी सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी करने के आरोल लगे हैं। हालांकि भारत, रवांडा, मोरक्को और हंगरी ने इन आरोपों को खारिज किया है, जबकि अजरबैजान, बहरीन, कजाखस्तान, सऊदी अरब, मेक्सिको और यूएई ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

भारत सरकार ने अपनी सफाई में क्या कहा :-

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भारत सरकार ने कहा कि हमने नागरिकों के निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 और सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 प्रस्तुत किया है। इससे लोगों के निजी जानकारियां सुरक्षित रहेंगी। सरकार ने जासूसी के आरोपों को निराधार बताया है। सरकार की तरफ से जारी बयान में कह गया कि पहले भी व्हाट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल को लेकर भी इसी तरह के आरोप लगाए गए थे। उन रिपोर्टों का भी कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और सुप्रीम कोर्ट में व्हाट्सऐप समेत सभी पक्षों के जरिए इसका स्पष्ट रूप से खंडन किया गया था।

भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 के तहत टैप होते हैं फोन कॉल :-

सरकार ने यह भी बताया कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 के प्रावधानों के तहत सार्वजनिक सुरक्षा के हित में फोन कॉल टैप किए जाते हैं। खास तौर पर केंद्र और राज्यों की एजेंसियों किसी आपात स्थिति या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में ऐसा करती हैं। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डा. राजेंद्र कुमार ने भी उक्त आरोपों को खारिज किया।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।