इंदौर 16 मई। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और निगम अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण एक तो शहर भर में स्ट्रीट लाइट दिनभर जल रही है तो दूसरी और नए पोल भी लगाए जा रहे हैं। इसको लेकर पिछले दिनों नगर निगम ने बिजली कंपनी को भी पत्र लिखा जिसमें कहा गया था कि जो नए पोल लगाए जा रहे हैं उसमें ऑटोमेटिक सिस्टम लगाया जाए।
बताया जाता है कि इस मामले के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे नगर निगम को प्रतिमाह बिजली के अतिरिक्त लाखों रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है। शहर भर के अलग-अलग इलाकों में 24 घंटे स्ट्रीट लाइट से लेकर एलईडी लाइट जलती रहती है जिसके चलते नगर निगम खजाने पर लाखों रुपए प्रतिमाह का अलग से भार पड़ रहा है। इसके विपरीत नगर निगम व बिजली कंपनी के अधिकारी इस सिस्टम के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और वास्तविक अपनी जिम्मेदारी कोई नहीं समझ रहा है। पहले ऑटोमेटिक सिस्टम से अपडेट करते हुए करीब 70 हजार के आस-पास स्ट्रीट लाइट से लेकर एलईडी को दिन में बंद कर दिया जाता था लेकिन पिछले 6 माह से ऑटोमेटिक सिस्टम में कुछ गड़बड़ी होने के कारण सुबह बंद होने की जगह 24 घंटे बिजली जल रही है। इससे नगर निगम को प्रतिमाह आधा करोड़ से अधिक अतिरिक्त बिजली बिल का भुगतान करना पड़ रहा है। इसमें बिजली कंपनी और नगर निगम अफसर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि जिम्मेदार पदों पर रहते हुए अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं। शहर के मध्य से लेकर अलग-अलग इलाकों में इन दिनों करीब 5 से 10 हजार नई एलईडी लाइट लगी हुई है तो पुरानी स्ट्रीट लाइट के संबंध में अलग-अलग इलाकों में ऑटोमेटिक सिस्टम का काम चल रहा था लेकिन बीते वर्ष ना जाने क्यों काम ही बंद हो गया और बाद में कोई काम नहीं हुआ है। अब हालत यह है कि 24 घंटे शहर भर में कहीं स्पीडलाइट तो कहीं एलईडी जल रही है।
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बिजली कंपनी की ओर से हमें मदद नहीं मिल रही है क्योंकि बिजली विभाग जहां पर नए खंभे लगा रहा है वहां पर बिजली विभाग अर्थिंग कनेक्टर लगाते हैं और स्ट्रीट लाइट का टाइमर नहीं लगाते हैं जिसे हम लोगों द्वारा काम किया जाता है । अभी जहां पर नए नए पोल लग रहे हैं। वह इस तरह की परेशानी है, हम लोग इसका ध्यान रखेंगे और ऑटोमेटिक सिस्टम भी फिर से चालू कर देंगे।
– श्रृंगार श्रीवास्तव अपर आयुक्त नगर निगम
कई इलाकों में पार्षद खुद ही एलईडी लगवा लेते हैं और उसका स्विच भी वही लगाते हैं जिसे बंद नहीं करते हैं और यदि स्ट्रीट लाइट चालू करते हैं तो फिर बंद नहीं कर पाते हैं। हम लोग पॉइंट भी बना रहे हैं। यह तो नगर निगम को चाहिए कि पॉइंट बनाकर उसकी व्यवस्था की जाए। हम लोगों ने पहले भी पूरे शहर में 108 से अधिक ऐसे प्वाइंट बनाए जहां 24 घंटे बिजली जलती है । वहां अब नहीं जल रही है लेकिन खासकर दूरदराज के इलाकों में और पार्षद अपनी मर्जी से एलईडी लाइट लगवा कर स्विच लगाते हैं लेकिन बंद नहीं करते हैं और 24 घंटे लाइट जलती रहती है।
– कामेश श्रीवास्तव शहर अधीक्षण यंत्री पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी
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