भूटान यात्रा की स्मृतियों में गूंजा पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

न्यू पलासिया में पुनर्मिलन समारोह; गीत-संगीत के बीच हरियाली पर जागरूक संवाद

sadbhawnapaati
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इंदौर। हाल ही में भूटान यात्रा पर गए एक समूह ने अपनी यात्रा की यादों को ताज़ा करने और आपसी जुड़ाव को पुनः सजीव करने के उद्देश्य से न्यू पलासिया क्षेत्र में एक मिलन समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर जहां गीत-संगीत और आत्मीय संवादों का दौर चला, वहीं भूटान के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरणीय संतुलन से मिली प्रेरणा ने उपस्थितजनों को ‘ग्रीन इंदौर’ के संकल्प से जोड़ दिया।

भूटान, जहाँ 70 प्रतिशत से अधिक भूभाग हरियाली से आच्छादित है, स्वच्छ वायु और निर्मल नदियों के साथ ध्वनि प्रदूषण रहित वातावरण का परिचायक है—वहीं की शांतिपूर्ण स्मृतियाँ कार्यक्रम में जीवंत होती रहीं। समूह के सदस्य गीतों और प्रस्तुतियों के माध्यम से यात्रा के अनुभवों को साझा करते रहे। कोई जीवन की खुशियों को सुरों में ढाल रहा था, तो कोई माइक थामे अपनी यादों को मधुर लहरियों में बाँध रहा था।

श्यामोली सोनी, डॉ. जयश्री सिक्का, कमल कट्ठर और सिंधु वागेला सहित अन्य प्रतिभागियों ने संगीतमय प्रस्तुतियाँ दीं, जिन्हें उपस्थितजनों ने भरपूर सराहा।

पर्यावरण केवल चर्चा नहीं, संकल्प भी बना

सांगीतिक क्षणों के बाद जब हरियाली और पर्यावरण पर चर्चा शुरू हुई, तो वह औपचारिक संवाद मात्र न रहकर सक्रिय नागरिकता का आह्वान बन गई। यह तय किया गया कि सिर्फ पौधारोपण पर्याप्त नहीं है—पौधों की सुरक्षा, संरक्षण और दीर्घकालिक देखभाल ही वास्तव में ‘हरित शहर’ की नींव रख सकती है।

इस विचार-मंथन में डॉ. ओ. पी. जोशी, कीर्ति सिक्का, डॉ. किशोर पंवार और किशोर कट्ठर ने अपनी सहभागिता दी। सरला जोशी, जया नागर, अनीता पंवार, वंदना जोशी और सुनीता दुबे की उपस्थिति से संवाद को व्यापकता मिली।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. भोलेश्वर दुबे ने किया। अपूर्व नागर ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि डॉ. दिलीप वागेला ने समापन पर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

अंत में सभी सदस्यों ने पारंपरिक एवं स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए पुनः मिलने का संकल्प लिया—इस बार पर्यावरणीय पहल को और आगे ले जाने के उद्देश्य से।

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