सरकारी कंपनियों को खरीदने – बेचने एवं विनिवेश के फैसले का अधिकार अब उसके निदेशक मंडल के पास – मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

सरकारी कंपनियों के निदेशक मंडल अब उसे खरीदने, बेचने व विनिवेश का फैसला कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गई। मंत्रिमंडल के इस बड़े फैसले के बाद अब इन मुद्दों पर भविष्य में कैबिनेट की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।

मंत्रिमंडल में हुए फैसले के मुताबिक, निदेशक मंडल ही उसकी सहायक कंपनियों, इकाइयों या संयुक्त उद्यमों में विनिवेश करने, उन्हें बंद करने, संयुक्त उद्यमों में हिस्सेदारी की सिफारिश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकेगा।

इसमें रणनीतिक विनिवेश और अल्पांश हिस्सेदारी और इसे बेचने या उनकी किसी सहायक कंपनी समेत इकाई, संयुक्त उद्यम में हिस्सेदारी को समाप्त करना भी शामिल है।

अभी निदेशक मंडल के पास थे ये अधिकार

अब तक निदेशक मंडल को तय मानकों के तहत सहायक इकाइयों को स्थापित करने पर मानकों के तहत हिस्सेदारी हेतु निवेश करने का अधिकार था। कुछ शर्तों के साथ वह विलय और अधिग्रहण भी कर सकते थे। इसके अलावा चुनिंदा नवरत्न कंपनियों को कुछ अधिकार थे, जिसमें सहायक कंपनियों में हिस्सेदारी का विनिवेश का अधिकार था।

क्या असर होगा

कैबिनेट के इस फैसले से सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीतिक विनिवेश, बंद करने और लेनदेन की प्रक्रिया पहले और अधिक पारदर्शी होगी। यह प्रतिस्पर्धी बोली के सिद्धांतों पर आधारित होगी।

इसे निर्धारित करने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे। रणनीतिक निवेश के लिए ऐसे मार्गदर्शक सिद्धांत निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। सार्वजनिक उद्यम विभाग किसी भी उद्योग और इकाई को बंद करने के संबंध में मार्गदर्शक सिद्धांत जारी करेगा।

जैव ईंधन राष्ट्रीय नीति 2018 में संशोधन पर भी मुहर

मंत्रिमंडल ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी। इससे अगले पांच साल में पेट्रोल में इथेनॉल के 20 फीसदी मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होगी। साथ ही आत्मनिर्भर भारत मुहिम को बढ़ावा मिलेगा व रोजगार में इजाफा होगा।

कैबिनेट के इस फैसले से विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड), निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत जैव ईंधन को बढ़ावा देने और जैव ईंधन के उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक रखने की अनुमति होगी।

इससे देश में ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेश पर निर्भरता कम किया जा सकेगा। यह संशोधन देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में भी मददगार साबित होगा।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।