नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक अब डिजिटल रूपी का पायलट प्रोजेक्ट ला सकता है। इसके लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी का इंटरबैंक उधार और कॉल मनी मार्केट में पायलट प्रोजेक्ट अक्टूबर में शुरू कर सकता है। आरबीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अजय कुमार चौधरी की ओर से रविवार को यह जानकारी दी गई। होलसेल सीबीडीसी, जिसे डिजिटल रुपी-होलसेल (ई-वीवी) के नाम से भी जाना जाता है। इसे एक नवंबर, 2022 को लॉन्च किया गया था। फिलहाल इसका इस्तेमाल गवर्मेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए सेकेंडरी मार्केट में किया जा रहा है।
जी20 शिखर सम्मेलन में आए चौधरी की ओर से कहा गया कि आरबीआई होलसेल सीबीडीसी को कॉल मार्केट में इस महीने या अगले महीने लॉन्च किया जा सकता है। यहां गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सीबीडीसी को शुरू करने का एलान वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में किया गया था। आरबीआई की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी को होलसेल पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना है।
गौरतलब है कि सेंट्रल बैंक की ओर से सीबीडीसी के रिटेल अवतार का पायलट प्रोजेक्ट एक दिसंबर, 2022 को शुरू किया गया था। सीबीडीसी भारत की पेपर करेंसी का ही डिजिटल अवतार है। इसे आरबीआई से पेपर करेंसी की तरह से मान्यता प्राप्त होती है। जी20 शिखर सम्मेलन में आरबीआई की ओर से भारत की डिजिटल क्रांति को प्रदर्शित किया गया है। फ्रिक्शनलेस क्रेडिट के लिए पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म (पीटीपी), सीबीडीसी, यूपीआई वन वर्ल्ड, रुपे ऑन-द-गो और भारत बिल पेमेंट सिस्टम शामिल हैं।