देश के हर थाने में होंगी 13 महिला पुलिसकर्मी, अभी 5 डीजी, 39आईजी व 173138 महिला सिपाही दे रहीं ड्यूटी

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देश में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार संजीदगी से काम कर रही है। कम से कम हर पुलिस स्टेशन में 13 महिला पुलिसकर्मी हों, इसका फार्मूला तय किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या को पुलिस बल की कुल नफरी के 33 फीसदी तक ले जाएं। प्रत्येक थाने में तीन महिला उपनिरीक्षक और दस महिला सिपाही तैनात हों। इससे महिला हेल्प डेस्क 24 घंटे काम कर सकेगा।

खास बात यह है कि महिलाओं की भर्ती के लिए नए पद सृजित नहीं करने पड़ेंगे। पुरुष सिपाही व उपनिरीक्षक के रिक्त पदों को महिला भर्ती के लिए परिवर्तित कर दिया जाए। देश में अभी 21 लाख पुलिस बल में दो लाख महिलाएं हैं। इनमें 5 डीजी, 39आईजी व 173138 महिला सिपाही ड्यूटी दे रही हैं। महिला पुलिस की वास्तविक नफरी अभी 10.3 प्रतिशत है।

देश में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या …    
डीजीपी -5
एडीजी -28
आईजी -39
डीआईजी -45
एआईजी/एसएसपी/एसपी/सीओ -351
एडीशनल एसपी -250
एसी/डीएसपी -792
इंस्पेक्टर -3440
एसआई -10731
एएसआई -4862
हवलदार -20012
सिपाही -173138
अन्य -1667
कुल -215504 (1-1-2020 के अनुसार)
नोट: देश में पुलिस कर्मियों की वास्तविक नफरी 2091488 है। इसमें 10.3 प्रतिशत महिलाएं हैं।

पुलिस में जेंडर संतुलन का हो रहा प्रयास 
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के अनुसार, पुलिस में जेंडर संतुलन में सुधार के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास हो रहा है। महिला पुलिस भर्ती करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासनों की होती है। केंद्र द्वारा समय समय पर महिला पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिए राज्यों को एडवायजरी जारी की जाती है। गृह मंत्रालय का मकसद है कि पुलिस बलों में कम से कम महिलाओं की संख्या, कुल नफरी का 33 प्रतिशत हो जाए। इसके लिए राज्य सरकारों को अतिरिक्त संसाधन जुटाने की आवश्यकता नहीं है। पुलिस बलों में सिपाही एवं उपनिरीक्षक के लिए जो स्वीकृत पद हैं, उन्हीं पर महिला पुलिस की भर्ती कर दी जाए। पुलिस बल में महिलाओं को भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से उनके अनुकूल वातावरण तैयार करें।

महिलाओं के लिए पुलिस स्टेशन में हों ये सुविधाएं 
गृह राज्य मंत्री ने बताया, राज्यों को पुलिस स्टेशनों में महिला पुलिस कर्मियों के लिए आवास, चिकित्सा एवं विश्राम कक्ष जैसी सुविधाओं का प्रावधान करने की सलाह दी गई है। पुलिस, राज्य का विषय होने के नाते, यह राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे अपने मौजूदा नियमों के अनुसार, विभिन्न रैंक में महिला पुलिस कर्मियों की पदोन्नति सुनिश्चित करें। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा पुलिस संगठनों के संबंध में संकलित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी 2020 तक राज्यों एवं संघ क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों की वास्तविक नफरी 2091488 है। इसमें से महिला पुलिस कर्मियों की नफरी 215504 है, जो कि वास्तविक नफरी का 10.3 फीसदी है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।