मिसरोद थाने के टीआई राजबिहारी शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। दो दिन पहले हैदराबाद पुलिस भोपाल आई थी।
फर्जी डिग्री मामले में उनके यहां धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। पुलिस ने बताया कि वाइस चांसलर एमसी प्रशांत पिल्लई (50), आरकेडीएफ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल डॉ. एमके चोपड़ा (59), पूर्व वाइस चांसलर एसएस कुशवाह (71) को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि हैदराबाद पुलिस ने फरवरी 2022 में एसआरके के असिस्टेंट प्रोफेसर केतन सिंह को गिरफ्तार किया था। केतन सिंह ने पुलिस की पूछताछ में दावा किया था वह रैकेट का छोटा एजेंट है।
विश्वविद्यालय में शीर्ष पदों पर पदस्थ लोगों को भी धोखाधड़ी के बारे में पता था। उसने दावा किया कि ग्राहकों से मिली रकम का केवल 10 % ही उसे मिलता था।
विश्वविद्यालय के दूसरे लोग बाकी का पैसा रख लेते हैं। केतन ने 29 छात्रों के लिए प्रमाण पत्र हैदराबाद के महेश्वर राव को दिए थे। उसी ने इन तीनों के नाम बताए थे।
फर्जी बीटेक डिग्री सर्टिफिकेट के लिए ये छात्रों से 3 लाख रुपए लेते हैं। वहीं, बीकॉम और बीए के लिए 1.5 लाख रुपए लिए जाते हैं। बीएससी के लिए ये 1.75 लाख और एमबीए के लिए 2.75 लाख रुपये वसूले जाते हैं।