कल गोविंद द्वादशी व्रत, जानिए कैसे करें पूजन, पढ़ें आसान विधि

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को गोविंद द्वादशी व्रत मनाया जाता है। वर्ष 2021 में यह व्रत 25 मार्च को मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान गोविंद की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस व्रत को रखने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
धर्मग्रंथों के अनुसार शुक्ल पक्ष की द्वादशी को गोविंद द्वादशी मनाई जाती है। यह व्रत करने वालों को संतान की प्राप्ति होकर समस्त धन-धान्य, सौभाग्य का सुख मिलता है। यह व्रत करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पुराणों में यह व्रत समस्त कार्य को सिद्ध करने वाला होता है।

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]यह व्रत पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास के साथ करना चाहिए। इसकी पूजा एकादशी के उपवास की भांति ही होती है। यह व्रत बीमारियों को दूर करता है। गुरुवार को इस सरल रीति से करें गोविंद द्वादशी पर पूजन, जानें खास बातें-

आइए जानें कैसे करें पूजन…

* गोविंद द्वादशी के दिन नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान के पश्चात भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा करनी चाहिए।

* इस पूजा में मौली, रोली, कुंमकुंम, केले के पत्ते, फल, पंचामृत, तिल, सुपारी, पान एवं दूर्वा आदि रखना चाहिए।

* पूजा के लिए (दूध, शहद, केला, गंगाजल, तुलसी पत्ता, मेवा) मिलाकर पंचामृत से भगवान को भोग लगाएं।

* द्वादशी कथा का वाचन करना चाहिए।

* तत्पश्चात लक्ष्मी देवी एवं अन्य देवों की स्तुति-आरती की जाती है।

* पूजन के बाद चरणामृत एवं प्रसाद सभी को बांटें।

* ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दक्षिणा देनी चाहिए। तत्पश्चात खुद भोजन करें।

* इस दिन अपने पूर्वजों का तर्पण करने का भी विधान है।

यह व्रत सर्वसुखों के साथ-साथ बीमारियों को दूर करने में भी कारगर है। अत: फाल्गुन द्वादशी के दिन पूरे मनोभाव से पूजा-पाठ आदि करते हुए दिन व्यतीत करना चाहिए।

[/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
14 Comments