कल है शनिश्चरी अमावस्या, पितरों का ध्यान और दान करना है उत्तम

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sadbhawnapaati
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फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि कल है। शनिवार के दिन पड़ने वाली इस अमावस्या को शनिश्चरी या शनि अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों का ध्यान और तर्णण किया जाता है। जो लोग शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित हैं, उन्हें भी इस दिन शनि भगवान की उपासना करनी चाहिए। कहते हैं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान देने से भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है। यह अमावस्या कुंभ राशि वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन शनि की राशि कुंभ में चतुर्ग्रही योग बन रहा है. इस दिन सूर्य, चंद्र, बुध, और शुक्र चारों ग्रह एक ही राशि में होंगे.

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कब लगेगी अमावस्या तिथि
अमावस्या तिथि आज 12 मार्च को दोपहर 3 बजे से लगेगी और अगले दिन 13 मार्च को दोपहर तीन बजे तक रहेगी। इसलिए 13 मार्च को सूर्योदय की तिथि के कारण अमावस्या का पर्व 13 मार्च को मनाया जाएगा। सुबह पितरों का तर्पण करने का सबसे अच्छा समय है। इस दिन शनि के मंत्रों का जाप करना भी अच्छा रहता है। कहा जाता है कि इस दिन शनि भगवान की उपासना करनी चाहिए।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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