नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच ‘टूलकिट’ मामले ने तूल पकड़ लिया है। किसान आंदोलन को ग्लोबल स्तर तक फैलाना के लिए बनाए गए टूलकिट केस में आरोपी दिशा रवि ने अब दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिशा रवि ने गुरुवार को एक याचिका दायर करते हुए कोर्ट से दिल्ली पुलिस के यह निर्देश देने की अपील की है कि वह निजी चैट, संचार की कथित सामग्री सहित किसी भी जांच सामग्री को मीडिया में लीक न करे।
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गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा की जांच कर रही है। इस मामले से संबंधित एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने कहा कि टूलकिट मामले के लीक होने से हिंसा के पीछे इंटरनैशनल साजिश के चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। इस केस में कई बड़े नाम भी सामने आ रहे हैं। अगर टूलकिट गलती से लीक न हुई होती तो भारत के खिलाफ अतंरराष्ट्रीय साजिश की जांच हमारे लिए चुनौती साबित होती।
ऑफिसर के मुताबिक टूलकिट जांच में पता चला है कि इसका कनेक्शन ट्विटर, टूलकिट और टेलिग्राम से होते हुए खालिस्तान और अब पाकिस्तान तक पहुंच गया है। जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को टूलकिट मामले में गत शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें रविवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
कांग्रेस लगातार दिशा रवि की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि, दिशा रवि की गिरफ्तारी कर्नाटक पुलिस और राज्य सरकार को सूचित किए बिना की गई थी। राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने दिशा रवि की गिरफ्तारी पर कहा कि, दिशा रवि की गिरफ्तारी कर्नाटक पुलिस और राज्य सरकार को सूचित किए बिना की गई थी। इस प्रकार की गिरफ्तारियां सीएए-एनआरसी मामलों में भी की गई हैं, पंजाब में जो कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
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