उज्जैन : महाकाल मंदिर में भस्मारती के लिए नई व्यवस्था लागू, बिना अनुमति वाले भी दर्शन कर सकेंगे

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sadbhawnapaati
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विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की भस्मारती के दर्शन करने वाले भक्तों के लिए सुखद खबर है। यहां भस्मारती के लिए चलायमान व्यवस्था लागू की जा रही है। जिन भक्तों को भस्मारती दर्शन की अनुमति नहीं मिल पाती थी वे इस सुविधा से महाकाल की भस्मारती कर सकेंगे।

दरअसल, गुरुवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक हुई। मंदिर समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि अनुमति नहीं मिलने से कई भक्त भस्म आरती के दर्शनों से वंचित रह जाते हैं। नई व्यवस्था से ऐसा नहीं होगा। बिना अनुमति वाले श्रद्धालुओं के लिए समिति द्वारा बैरिकेडिंग की 3 लाइन से चलायमान व्यवस्था लागू की जाएगी। पहले की ऑनलाइन और ऑफलाइन अनुमति की व्यवस्था भी लागू रहेगी। अंतर सिर्फ इतना है कि अनुमति लेने वाले परिसर में बैठ सकेंगे। भस्म आरती के दौरान दर्शन कराते हुए उन्हें बाहर निकाला जाएगा। ऐसे श्रद्धालुओं को अनुमति लेने अथवा शुल्क देने की आवश्यकता भी नहीं होगी। इसके अलावा पहले से अनुमति लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए बैठक व्यवस्था रहेगी। प्रारंभिक तौर पर इसी सोमवार से सात दिन का ट्रायल किया जा रहा है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो तो आगे स्थायी रूप से चलायमान दर्शन व्यवस्था जारी रखेंगे।

वर्तमान में भस्म आरती के दर्शनों के लिए एक दिन पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन परमिशन लेनी पड़ती है। इसमें 200 रुपये की रसीद कटती है। कोविड के कारण 1500 लोगों को इंट्री दी जा रही है। दर्शन करने के लिए दो हजार लोग आते हैं, जबकि दो हजार से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं मिल पाती। वे बाहर ही खड़े रहते हैं। बता दें कि इससे पहले सिंहस्थ 2016 में भक्तों की भीड़ को देखते हुए चलायमान व्यवस्था बनाई गई थी। मंदिर में बाहर से आने वाले श्रद्धालु को भस्म आरती कराने के नाम पर कई लोगों द्वारा रुपये लेकर ठगी की जाती है। दर्शन की कामना से आने वाले श्रद्धालु पैसे देकर भी अनुमति लेते हैं। मंदिर समिति की चलायमान भस्म आरती दर्शन व्यवस्था शुरू होती है, तो दर्शनार्थी नि:शुल्क दर्शन कर सकेंगे। श्रद्धालुओं को अनुमति दिलाने के नाम पर ठगने वाली घटनाओं में भी रोक लगेगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।