Video Viral | नगर निगम स्वच्छताग्राहियों के पीछे बुजुर्ग छाता लेकर दौड़े |

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें नाराज एक बुजुर्ग सफाई कर्मचारियों के पीछे छाता लेकर गाली-गलौज करते दिखाई दे रहे हैं। नगर निगम कर्मचारियों का कसूर सिर्फ इतना है कि उन्होंने बुजुर्ग को गीला और सूखा कचरा अलग करने को कह दिया था। इस बात से बुजुर्ग भड़क गए और फिर उन्होंने एक सफाई कर्मी से मारपीट तक कर दी। उनका कहना था कि पैसा देते हैं। और फिर उन्होंने नगर निगम कर्मियों से कई अपशब्द भी कहे। इस पर सफाईकर्मी कहता है कि मार क्यों रहे हैं चाचा। चाचा हमें भी तो ऊपर जवाब देना होता है।

हमारा काम है। हम परेशान होते हैं। बस वही कर रहे हैं, लेकिन बुजुर्ग नहीं माने और गाली-गलौज करते रहे। उनका कहना था कि हम यह करके क्यों दें। यह वीडियो भोपाल का बताया जा रहा है। हालांकि, यह किस इलाके का है इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। भोपाल देश में 7वां सबसे साफ-सुथरा शहर स्वच्छ सर्वे में इस बार भोपाल ने लंबी छलांग लगाई। पिछले सर्वे में 19वें पायदान पर रहे भोपाल को इस बार 7वीं रैंक मिली। 5 दिन पहले जारी रिपोर्ट में राजधानी भोपाल देश का 7वां सबसे साफ-सुथरा शहर बना। लिस्ट में इंदौर लगातार चौथी बार टॉप पर है, इसके बाद भोपाल 7वें, ग्वालियर 13वें और जबलपुर 17वें नंबर पर है। भोपाल को सेल्फ सस्टेनेबल कैपिटल का अवॉर्ड भी मिला है। हालांकि, इस बार क्लीनेस्ट कैपिटल ऑफ इंडिया का खिताब नहीं मिल सका। इसमें हम नई दिल्ली से पिछड़ गए। नई दिल्ली से वह वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह जुड़े। भोपाल को 7वीं रैंक मिलने के साथ सेल्फ सस्टेनेबल कैपिटल का अवॉर्ड ‘कैरी योर ओन बैग’ जैसे कई नए तरीके अपनाने की वजह से मिला है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग सर्वे में कहा गया कि शहर की साफ-सफाई में सबसे अहम रोल डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का है। एक निश्चित समय पर हर घर पर कचरा गाड़ी पहुंचे, इसके लिए रूट चार्ट बनाए गए। समय तय किया गया। जरूरत के अनुसार नए वाहन खरीदे गए। इनमें जीपीएस लगाने के साथ ही ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए सुबह 6 बजे से कंट्रोल रूम में सहायक आयुक्त स्तर के अफसर के साथ टीम तैनात की गई। 2019 में 17 पायदान पीछे खिसक गया था शहर स्वच्छ सर्वे में भोपाल ने 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी। 2019 में भोपाल खिसककर 19वें नंबर पर आ गया था। उस समय अफसरों के लगातार तबादले के कारण तैयारियों की दिशा ही तय नहीं हो पाई थी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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