Vishwakarma Puja 2020 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की पूजा, जानिये क्यों है यह दिन खास

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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17 सितंबर (गुरुवार) को शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा है. दिन के 10:19 बजे सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद भगवान की पूजा-अर्चना शुरू हो जायेगी. इस दिन शाम 4:55 बजे तक अमावस्या है, जिसके बाद से पुरुषोत्तम मास शुरू हो जायेगा. इसके बाद सभी शुभ कार्य बंद हो जायेंगे. 16 अक्तूबर को स्नानदान श्राद्ध की अमावस्या होगी. इसी दिन इस मास का समापन होगा. 17 अक्तूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो जायेगा.

17 सितंबर को श्राद्ध की अमावस्या : विश्वकर्मा पूजा के दिन ही श्राद्ध की अमावस्या भी है. इसी दिन पितृपक्ष का समापन हो जायेगा. जिस किसी भी जातक को अपने माता-पिता अथवा सगे संबंधियों की मृतक की तिथि मालूम नहीं है, वह इस दिन तर्पण करेंगे. इससे उनके पितर तृप्त हो जायेंगे. सादगी के साथ होगी भगवान की पूजा : इस बार सादगी के साथ भगवान की पूजा-अर्चना की जायेगी. सरकार की ओर से छूट नहीं मिलने के कारण बड़े-बड़े पंडाल नहीं बनाया जा रहे हैं और न ही बड़े स्तर पर पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसके अलावा भोग वितरण और प्रीतिभोज भी नहीं होंगे.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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