संस्था “दानपात्र” द्वारा एक आयोजन रखा गया. इस आयोजन में दानपात्र से जुड़े सभी वालंटियर्स, सदस्यों का सम्मान किया गया. यह आयोजन माधव विद्या पीठ विद्यालय में रखा गया. इस आयोजन के माध्यम से उन सभी टीम मेंबर्स को सम्मानित किया गया जिनके द्वारा दानपात्र इनिशिएटिव से जुड़कर सतत समाज सेवा में योगदान दिया गया.
इस आयोजन से सभी वॉलंटियर्स में काफी उत्साह देखने को मिला. संस्था दानपात्र द्वारा सभी वालंटियर्स के अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया गया, साथ ही सभी सदस्यों को प्रतीक चिन्ह देकर उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी गई जिससे वह आगे भी इसी तरह समाज सेवा के लिए समर्पित रहे।
“दानपात्र” क्या है – कैसे हुई इसकी शुरुआत ?
“दानपात्र” एक ऑनलाइन निःशुल्क प्लेटफॉर्म है जिसकी मदद से घरों में उपयोग में न आ रहे सामान, जैसे कपड़े, खिलोने, किताबें, जूते, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, फर्नीचर एवं अन्य सामान को कलेक्ट कर उपयोग लायक बनाकर जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचाया जाता है.
इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत 10 मार्च 2018 में की गयी थी जिससे अब तक सेवा कार्य कर 15 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाई जा चुकी है एवं लगभग 1.5 लाख से ज्यादा इंदौरवासी इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके है. इस प्लेटफॉर्म से 7 हजार से ज्यादा वालंटियर्स जुड़े हुए है जो अपना समय देकर सहयोग करते है.
“दानपात्र” की पारदर्शिता से कार्य करने की वजह से इंदौर के साथ साथ विदेशों से भी लोग सामान डोनेट कर रहे है “दानपात्र” के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे सिर्फ एक फ़ोन कॉल पर या “दानपात्र” ऐप में रिक्वेस्ट डालने पर सामान डोनेट कर सकता है. “दानपात्र” टीम के सदस्यों द्वारा रिक्वेस्ट मिलने पर घर जाकर वह सामान कलेक्ट किया जाता है और फिर उसे फ़िल्टर कर जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचाया जाता है.
साथ ही उसका फोटो, वीडियो “दानपात्र” के सोशल मीडिया पेजेस पर जाकर अपलोड कर दिया जाता है. जिससे जिसने भी सामान डोनेट किया है वह देख सकें की उसका दिया सामान किस जरूरतमंद परिवार तक पहुंचा है.
“दानपात्र” देने वाले और लेने वालों के बीच सेतु बनकर दोनों की ही मदद कर रहा है. इससे घरों में उपयोग में न आ रहे सामान को फेंकने से बचा कर जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचाकर उनकी मदद की जा रही है, जिससे समाज में कई सकारात्मक बदलाव आ रहे है.
संस्था के सदस्यों द्वारा कोरोनाकाल में भी बिना रुके सतत कार्य कर लगभग 50 हजार से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक राशन किट एवं अन्य जरुरत का सामान पहुंचाकर उनकी मदद की गयी.