व्यापमं-2 घोटाला: जांच पूरी होने के बाद होगी अंतिम परीक्षा परिणाम की घोषणा- कृषि मंत्री

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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कृषि विभाग के अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले (Scam) की पूरी गंभीरता से जांच कराने का भरोसा दिया है. इस महकमे के मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) ने सोमवार को कहा कि शिकायतों की छानबीन के बाद ही इस परीक्षा का अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा. पटेल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ’मेरे विभाग के अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में राज्य के एक ही अंचल के उम्मीदवारों को अन्य इलाकों के परीक्षार्थियों के मुकाबले ज्यादा अंक मिलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इससे जाहिर तौर पर शंका तो होती है. इसलिए हम भर्ती परीक्षा से जुड़ी शिकायतों की गंभीरता से जांच कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ’अगर इस जांच में कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो उसे कतई बख्शा नहीं जाएगा. जांच पूरी होने के बाद ही भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित किया जाएगा.’ कृषि छात्रों के संगठन ’अंकुरण’ के सदस्य कथित भर्ती घोटाले के खिलाफ पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि राज्य में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के कुल 863 पदों के लिए फरवरी में आयोजित भर्ती परीक्षा में घोटाले के जरिये बड़ी तादाद में अयोग्य उम्मीदवारों का चयन किया गया है. और चौंकाने वाली बात यह है कि प्रावीण्य सूची में शीर्ष 10 स्थानों पर रहे उम्मीदवार सिर्फ ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं.

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मामलों की जांच सीबीआई कर रही है
प्रदर्शनकारी, कृषि विभाग के अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को ’व्यापमं-2 घोटाले’ की संज्ञा दे रहे हैं. गौरतलब है कि यह परीक्षा राज्य के प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) ने आयोजित कराई थी जिसे पहले व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के नाम से जाना जाता था. पिछले दशक के दौरान व्यापमं की आयोजित प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इसका आधिकारिक नाम बदलकर प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड रख दिया था. उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2015 में दिए गए आदेश के तहत व्यापमं के पुराने घोटाले से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई कर रही है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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