किसने कहा था – कांग्रेस शिक्षित भारतीयों का राष्ट्रीय मेला है, MPPSC के अब इस सवाल पर विवाद

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मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग MPPSC की परीक्षा में पूछे गए सवाल को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले कश्मीर को पाकिस्तान को देने से जुड़े सवाल पर विवाद उठा और अब एक और सवाल विवाद के घेरे में है. खुद बीजेपी ने एमपीपीएससी में पूछे गए एक सवाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

एमपीपीएससी 2022 की परीक्षा में 53 नंबर पर एक सवाल पूछा गया है कि कांग्रेस सम्मेलनों को शिक्षित भारतीयों का वार्षिक राष्ट्रीय मेला किसने कहा था. इस सवाल पर बीजेपी ने एतराज जताया है. बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कांग्रेस को शिक्षित भारतीयों का मेला कहने से जुड़ा हुआ सवाल आपत्तिजनक है. आजादी के समय की कॉन्ग्रेस शिक्षित थी. लेकिन आज की कांग्रेस राहुल और सोनिया की चाटुकारिता वाली कांग्रेस है. इस तरीके के सवाल पूछना गलत है. कांग्रेस से जुड़े सवाल पर कार्रवाई होना चाहिए. बीजेपी ने परीक्षा में उस सवाल पर भी आपत्ति जताई है जिसमें पूछा गया है कि एक मिल मालिक 40 आवारा कुत्तों की हत्या करने के बाद पश्चाताप के लिए महात्मा गांधी के पास गया था. जिसे उन्होंने उचित ठहराया था.

पीएससी चेयरमैन के इस्तीफे की मांग

कांग्रेस सम्मेलन को शिक्षित भारतीयों का वार्षिक राष्ट्रीय मेला कहने पर बीजेपी के एतराज के बाद कांग्रेस का बयान आया है. कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कांग्रेस का गौरवशाली इतिहास रहा है. बीजेपी के नेता उल्टे सीधे बयान देकर जिम्मेदारी से बच रहे हैं. पीएससी में कश्मीर जैसे सवाल पूछने के कारण एमपीपीएससी के चेयरमैन का इस्तीफा लिया जाना चाहिए.

पहले कश्मीर फिर गांधी और अब कांग्रेस
पहले कश्मीर, उसके बाद गांधी और अब कांग्रेस को शिक्षित बताने पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. पीएससी जैसी जिम्मेदार संस्था की परीक्षा में ऐसे सवाल पूछकर नया विवाद खड़ा किया गया है.19 जून को हुई Madhya Pradesh Public Service Commission (MPPSC) की प्रारंभिक परीक्षा में पूछा गया था कि – क्या भारत को कश्मीर को पाकिस्तान को दे देने का निर्णय कर लेना चाहिए? इस कथन के लिये दो तर्क भी दिए गए थे.मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा तो मध्य प्रदेश सरकार ने कश्मीर पर पूछा गया विवादित सवाल परीक्षा से तो हटा ही दिया साथ ही पेपर बनाने वाले शिक्षकों की भी शामत आ गई. पेपर सेटर और मॉडरेटर को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।