इंदौर हाई कोर्ट में आज सोमवार यानी 15 नवंबर को इस संबंध में अंतिम बहस सुनना है कि साढ़े चार सौ करोड़ की लागत से तैयार बीआरटीएस सही है या गलत। 28 अक्टूबर को भी याचिका अंतिम बहस के लिए नियत थी लेकिन न्यायालय का समय ही समाप्त हो गया। अब देखना होगा कि सोमवार को याचिका पर सुनवाई होती है या एक बार फिर बहस आगे बढ़ जाएगी। याचिकाकर्ता पहले ही कोर्ट को बता चुके हैं कि वे याचिका में उठाए गए 32 बिंदुओं पर नहीं बल्कि इनमें से सिर्फ चार बिंदुओं पर बहस चाहते हैं। कोर्ट ने उन्हें इसकी अनुमति दे भी दी है।
-क्या बीआरटीएस की वजह से आम व्यक्ति के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। क्या दो प्रतिशत जनता के लिए 48 प्रतिशत सड़क पर बीआरटीएस बनाया गया है
-क्या बीआरटीएस को बनाने का उद्देश्य पूरा हुआ बीआरटीएस 23 किमी बनना था लेकिन 11.5 किमी के बाद ही इसे रोक क्यों दिया गया
-क्या बीआरटीएस प्रोजेक्ट अवैधानिक है।
-क्या मास्टर प्लान के मुताबिक सड़कों का निर्माण हुआ है।