इंदौर. शहर भर के अलग-अलग इलाकों में छोटे बड़े पुल पर 52 से अधिक वर्टिकल गार्डन बनाए गए जिनकी देखरेख का जिम्मा महिलाओं के भरोसे हैं। रोजाना अलग-अलग क्षेत्र में ट्रैक्टर के माध्यम से महिलाएं पानी का छिड़काव कर इन वर्टिकल गार्डन को जिंदा रख रही है।
दरअसल स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर को सुंदर बनाने के लिहाज से वर्टिकल गार्डन का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के तहत किया गया था। अब जिस कंपनी द्वारा वर्टिकल गार्डन का निर्माण किया गया उसकी देखरेख का जिम्मा भी उस प्राइवेट कंपनी को ही सौंपा गया है। ऐसे में अलग-अलग काम को 3 प्राइवेट कंपनियां कर्मचारियों के माध्यम से देखरेख कर रही है जहां महिला कर्मचारियों की संख्या अधिक है वर्टिकल गार्डन की देखरेख का पूरा जिम्मा इन महिलाओं के हाथों में है जो रोजाना ट्रैक्टर के साथ पहुंचती है और ट्रैक्टर पर खड़े रहकर वर्टिकल गार्डन को जिंदा रखने के लिए पानी का छिड़काव पाइप से करती नजर आ रही है। पूरे लॉकडाउन में और खासकर गर्मी में लगातार इन महिलाओं ने बगैर छुट्टी के अपनी पूरी भूमिका निभाई है । स्मार्ट सिटी योजना में अभी कई काम चल रहे हैं जिसमें वर्टिकल गार्डन से लेकर कई काम का जिम्मा प्रमुख रूप से तीन प्राइवेट कंपनियों को सौंपा गया है जिन्हें सालाना रखरखाव से लेकर कई काम के लाखों रुपए का भुगतान भी किया जाता है।
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वैसे नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल, उपायुक्त लता अग्रवाल, उपायुक्त आरती खेडेकर, पूर्व सीईओ अदिति गर्ग, वर्तमान स्मार्ट सिटी योजना की सीईओ शीतला टपले आदि महिला अधिकारी भी है।
स्मार्ट सिटी योजना के अधिकारी डीआर लोधी ने बताया कि प्रमुख रूप से वर्टिकल गार्डन तीन प्रमुख कंपनियों ने बनाया है। शहर में 52 से अधिक वर्टिकल गार्डन है जिनका देखरेख का जिम्मा भी उन्हीं कंपनियों और कंपनियों द्वारा इस काम के लिए महिलाओं की टीम रखी है जो अपना काम कर रही है। गर्मी के दिनों में कहीं सूख न जाए इसके लिए महिलाओं द्वारा पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
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