विश्व जल दिवस 2022 : कल है विश्व जल दिवस, जानें इतिहास और उद्देश्य

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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 पृथ्वी के आवश्यक तत्वों में से एक, जल जीवन की प्रमुख आवश्यकता है. इसके बिना सभी जीवित प्राणी और पौधे समाप्त हो जाते हैं. इसलिए, कहा जाता है “जल ही जीवन है.
हालांकि, बढ़ते औद्योगीकरण, अति-उपयोग और सभी प्राकृतिक स्रोतों के दोहन की वजह से मानव जीवन को पानी की तीव्र कमी जैसी कुछ विकट परिस्थियों का सामना करना पड़ रहा है. चूंकि पानी सभी प्राणियों के अस्तित्व का एक अहम निर्माण खंड है, इसलिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि ताजे पानी के महत्व और इस महत्वपूर्ण संसाधन के सतत प्रबंधन के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई जा सके. इस अवसर पर आइए एक नजर डालते हैं विश्व जल दिवस के इतिहास और इसके महत्व पर, साथ ही जानते हैं कि इस बार यानी विश्व जल दिवस 2022 की थीम के बारे में भी.
हर साल विश्व जल दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है. भाषण, कविताओं और कहानियों के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण और इसका महत्व समझाने की कोशिश की जाती है. कई तरह की तस्वीरें और पोस्टर शेयर किए जाते हैं जिनका उद्देश्य लोगों को पानी की जरूरत समझाना होता है.
विश्व जल दिवस 2022 की थीम
विश्व जल दिवस को हर साल एक थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल की थीम- ‘भूजल: अदृश्य को दृश्यमान बनाना जिसे IGRAC यानी इंटरनेशनल ग्राउंडवाटर रिसोर्स अस्सेमेंट सेंटर द्वारा प्रस्तावित किया गया है. इसे 21 मार्च 2022 को सेनेगल के डकार में 9वें विश्व जल मंच के उद्घाटन सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा.
विश्व जल दिवस का इतिहास
दुनिया को पानी की जरूरत से अवगत कराने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जल दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी. साल 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में आयोजित यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन एनवायरमेंट एंड डेवलप्मेंट (UNCED) में विश्व जल दिवस को मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था. इसके बाद साल 1993 से, जल संरक्षण के महत्व को समझने के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में जारी रखा गया है. पहले विश्व जल दिवस का आयोजन 22 मार्च 1993 को हुआ था.
-विश्व जल दिवस का उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की वेबसाइट के अनुसार, विश्व जल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य “सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6: 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता की उपलब्धि का समर्थन करना है.” इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया को यह बताना है कि पानी बचाना कितना जरूरी है, ये हमारा मूलभूत संसाधन है, इससे कई काम संचालित होते हैं और इसकी कमी से ज्यातार क्रिया कलाप ठप हो सकते हैं. लोगों को बताना कि पानी के बिना उनके अस्तित्व पर संकट गहरा सकता है- यही इसका मूल उद्देश्य है.
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।