तख्तियों पर लिखा- ‘मामाजी हमें सम्मान दो’, 7 दिन थालियां भी बजाई, नारे भी लगाए, नहीं हुई कोई सुनवाई अब हड़ताल की तैय्यारी

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 इंदौर के एमवाय अस्पताल के मुख्य गेट पर नर्सेस एसोसिएशन की सांकेतिक हड़ताल 7वें दिन भी जारी रही। एमजीएम मेडिकल कॉलेज और एमवाई परिसर में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियों लेकर नारेबाजी भी की। इस दौरान 10.30 से 12.30 बजे तक काम बंद रहा। नर्सिंग एसोसिएशन 9 जून से काली पट्टी बांधकर मांगों को लेकर विरोध कर रहा है। एसोसिएशन की प्रदेश महामंत्री रेखा महाडिक ने कहा कि कोरोना काल में नर्सेस ने अपनों से दूर रहकर मरीजों की सेवा की। नर्सेस ने अपने छोटे बच्चों को छोड़ा, लेकिन अपने कर्तव्य से विमुख नहीं हुई। उनकी इस कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए शासन को उनकी मांगों पर विचार कर उनका निराकरण करना चाहिए। यह  उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। यदि हमारी मांगों को नहीं माना गया तो हमें मजबूरन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र पाठक ने बताया कि एसोसिएशन लगातार शासन और प्रशासन। का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। शासन द्वारा नर्सेस की मांगों पर आश्वासन तो कई बार दिए गए, लेकिन आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ। जिला सचिव सिमोना बरीक ने बताया कि हमारे साथ मेडिकल कॉलेज से जुड़ी नर्सेस के साथ दूसरे सरकारी अस्पतालों में काम कर रही नर्स भी शामिल हैं। हमारी 10 सूत्री मार्ग हैं। जो सालों से लंबित हैं। यदि एक दो दिन में शासन-प्रशासन कोई फैसला नहीं लेता है तो हमें मजबूरन हड़ताल का सहारा लेना होगा, जिससे पूरे प्रदेश के अस्पतालों की सेवाएं ठप हो जाएंगी। पूरे प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा नर्सेस हैं।

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प्रदर्शनकारी नसों के हाथ में बैनर-पोस्टर भी थे, जिनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मामाजी कहकर संबोधित किया गया था। रमेश गाट, पूनम रंगकर, सुरेन्द्र त्यागी, नटवर पाराशर, बिना मैथ्यू, प्रवीणा सिंह ने बताया कि सरकार को जगाने के लिए यह अभियान आज से प्रदेशव्यापी शुरू किया गया है। जिसमें इंटर भी शामिल हुआ। मेल नर्स की भर्ती खेली जाए, सौतेला व्यवहार बंद किया जाए, वेतन वृद्धि की जाए, नहों को भी चिकित्सकों की तरह नाइट अलाउंस दिया जाए, हमें सम्मान दिया जाए और नर्सिंग स्टाफ को नर्सिंग ऑफिसर कहा जाए, जैसे मुद्दों पर तख्तियां हाथ में लेकर विरोध प्रदर्शन किया। तख्तियों पर मामाजी हमें सम्मान दें , मामाजी अपनी घोषणा याद करो जैसे मुद्दे लिखे हुए थे।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।