योगी की नई कैबिनेट में इस बार 38 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। मतलब ये सभी इस बार विधानसभा चुनाव जीतकर आए हैं।
वहीं, नौ विधानपरिषद के सदस्यों को भी मंत्री बनाया गया है। इसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, एके शर्मा, जितिन प्रसाद, आशीष पटेल, संजय निषाद, स्वतंत्र देव सिंह, धर्मवीर प्रजापति, भूपेंद्र चौधरी, दिनेश प्रताप सिंह शामिल हैं।
पांच ऐसे भी नाम हैं, जो न तो विधानसभा और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं। इन नामों ने हर किसी को चौंका दिया।
इसमें दानिश आजाद अंसारी, जसवंत सैनी, दयाशंकर मिश्र दयालु, जेपीएस राठौर और नरेंद्र कश्यप का नाम शामिल है। इस बार केशव प्रसाद मौर्य के साथ ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया है।
ब्रजेश पाठक योगी के पहली सरकार में कानून मंत्री थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार गोरखपुर शहरी से चुनाव लड़ा था। 18 साल में ये पहली बार था, जब किसी मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव लड़ा और फिर सत्ता भी हासिल की।
केशव प्रसाद मौर्य इस बार सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद उनपर पार्टी ने विश्वास जताया। इस बार भी वह डिप्टी सीएम बनाए गए।
वहीं, दूसरे डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की जगह इस बार ब्रजेश पाठक को मौका दिया गया है। पिछली सरकार में ब्रजेश कानून मंत्री थे और इस बार डिप्टी सीएम बनाए गए हैं।
सूर्य प्रताप शाही, सुरेश खन्ना और स्वतंत्र देव सिंह। – फोटो : अमर उजाला
सूर्य प्रताप शाही पिछली सरकार में कृषि मंत्री थे। सुरेश खन्ना वित्त मंत्री और स्वतंत्र देव सिंह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे।
नंद गोपाल गुप्ता नंदी को योगी सरकार में दोबारा मंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में वह स्टांप मंत्री थे।
अनिल राजभर पिछली सरकार में राज्यमंत्री थे। इस बार उनका प्रमोशन हुआ है और उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है। वहीं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले जितिन प्रसाद को फिर से कैबिनेट में जगह मिली है।
समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में आने वाले राकेश सचान को भी इनाम मिला है। एमएलसी एके शर्मा रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं। वह पीएम मोदी के काफी करीबी रहे हैं।
भाजपा ने इस बार अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव जीतने के बाद इन दोनों पार्टी के नेताओं को भी सरकार में शामिल किया गया है।
आशीष पटेल अपना दल एस से हैं। उनकी पत्नी अनुप्रिया पटेल मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। वहीं, निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद को भी योगी कैबिनेट में जगह मिली है।
इस बार पांच ऐसे भी नाम हैं, जो न तो विधानसभा और न ही विधानपरिषद के सदस्य हैं। इन नामों ने हर किसी को चौंका दिया। इसमें दानिश आजाद अंसारी, जसवंत सैनी, दयाशंकर मिश्र दयालु, जेपीएस राठौर और नरेंद्र कश्यप का नाम शामिल है।
तिलोई से विधायक मंकेश्वर सिंह, हस्तिनापुर के दिनेश खटीक और ओबरा के विधायक संजीव कुमार को भी मंत्री पद मिला है।
दिनेश और संजीव दोबारा मंत्री बने हैं।
बलदेव औलख और अजीत पाल को फिर से योगी कैबिनेट में शामिल किया गया है। सलेमपुर की विधायक विजय लक्ष्मी गौतम भी मंत्री बनाई गई हैं।
रामकेश निषाद, मनोहर लाल और संजय गंगवार को भी मंत्री बनाया गया है। मनोहर लाल उर्फ मन्नु कोरी दोबारा योगी मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं।
देवबंद से विधायक बृजेश सिंह, बड़ौत के कृष्णपाल मलिक और हरगांव के विधायक सुरेश राही को भी मंत्री बनाया गया है। राकेश राठौर, रजनी तिवारी, सतीश चंद्र शर्मा को भी मंत्री बनाया गया है।
अरुण कुमार सक्सेना, असीम अरुण और दयाशंकर सिंह को भी योगी कैबिनेट में जगह मिली है। अरुण कुमार सक्सेना बरेली के हैं। एमबीबीएस डॉक्टर हैं। वहीं, असीम अरुण आईपीएस अफसर थे। चुनाव से ठीक पहले वह कानपुर के पुलिस कमिश्नर थे। वीआरएस लेकर राजनीति में आए और कन्नौज से विधायक चुने गए। दयाशंकर सिंह भाजपा के चर्चित नेता हैं। दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह योगी की पिछली सरकार में मंत्री थीं।
धर्मवीर प्रजापति को फिर से योगी सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। वहीं, दयाशंकर मिश्र दयालु को भी इस बार मौका मिला है