योगी का एनकाउंटर मॉडल दूसरे राज्यों को भा रहा

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लेखक–सच्चिदानंद शेकटकर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के इस सबसे बड़े राज्य को अपराध और अपराधियों से मुक्ति दिलाने के लिए जो कठोर कदम उठाए हैं उनकी ख्याति अब दूसरे राज्यों तक पहुंच चुकी है।योगी के सबसे चर्चित एनकाउंटर माँडल को सबसे ज्यादा सराहा जा रहा है।इस एनकाउंटर माँडल को अब तो दूसरे राज्य भी अपनाने का फैसला कर रहे हैं। कर्नाटक में भाजपा के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ऐलान कर दिया है कि वे कर्नाटक में राष्ट्र विरोधी और साम्प्रदायिक तत्वों से निपटने के लिए योगी के एनकाउंटर माँडल को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में भाजपा युवा मोर्चा के एक 32 वर्षीय युवक प्रवीण नेत्तारू की हत्या हो जाने से कर्नाटक की भाजपा सरकार अपनी ही पार्टी में उपजे आक्रोश की शिकार हो गयी है।युवा मोर्चे के लोगों ने इस्तीफे देने की शुरुआत भी कर दी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण ने भी यह कह दिया है कि कर्नाटक सरकार यूपी सरकार से भी पांच कदम आगे जायेगी और एनकाउंटर को अंजाम देने हम तैयार हैं। यह साफ हो रहा है कि अब अपराधियों के खौफ से आमलोगों को निजात दिलाने के लिए यूपी के योगी सरकार के कड़े कदम दूसरे राज्यों के लिए कितने जरूरी हो गये है।मध्यप्रदेश ने योगी के बुलडोजर माँडल को अपना लिया और कुख्यात अपराधियों के मकानों को बुलडोजर से गिराने की शुरुआत भी हो चुकी है।
योगी सरकार के बुल्डोजर और एनकाउंटर माँडल बड़े कामयाब साबित हुए हैं। जब योगी दूसरी बार सरकार में आये तो चुनाव के दौरान जेल से बाहर आ गये कुख्यात अपराधी अपना एनकाउंटर हो जाने के डर से वापस जेल चले गये। इसीलिए दूसरे राज्यों की सरकारों को भी अपने राज्य में कानून व्यवस्था को सुधारने योगी के बुल्डोजर और एनकाउंटर माँडल को अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।