11, 12वीं के छात्रों को हर महीने मिलेंगे 5-7 हजार रुपये, जानें क्या है किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भारत सरकार देशभर में विज्ञान से संबंधित छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना का संचालन कर रही है. इश योजना के तहत विज्ञान के क्षेत्र में कैरियर बनाने वाले छात्र को 5 हजार रुपए और 7 हजार रुपए प्रतिमाह की दो अलग-अलग फेलोशिप दी जाती है.

नई दिल्लीः स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर विज्ञान से संबंधित छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए भारत सरकार की ओर से छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत 11वीं, 12वीं कक्षा और स्नातक कर रहे छात्रों को फेलोशिप दी जाती है. भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु इस योजना का संचालन करती है. इस योजना को ‘किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना’ नाम दिया गया है. इसके तहत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और औषधि क्षेत्र में काम करने वाले छात्रों को फेलोशिप दी जाती है.

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छात्रों को मिलेंगे 5 से 7 हजार रुपये
‘किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना’ (केवीपीवाई) फेलोशिप बीते दो दशकों से छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में कैरियर बनाने में काफी मदद कर रहा है. इस योजना के तहत छात्रों को 5 हजार रुपये और 7 हजार रुपये प्रतिमाह की दो अलग-अलग फेलोशिप दी जाती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्रों को फेलोशिप के लिए आवेदन करना जरूरी है.

दो चरणों में होती है परीक्षा
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इस योजना की शुरुआत साल 1999 में की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर में विज्ञान के क्षेत्र में छुपी प्रतिभा को बाहर लाना है जिससे देश का और छात्रों के आने वाले भविष्य को संवारा जा सके. राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के चयन के लिए इस योजना के तहत उच्च-स्तरीय प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है. जिसे आमतौर पर दो-चरणों में आयोजित किया जाता है. पहले चरण में ऑनलाइन एप्टिट्यूड टेस्ट और दूसरे चरण में साक्षात्कार होता है.

क्या है पात्रता?
बता दें कि केवीपीवाई फेलोशिप में भाग लेने के लिए छात्रों को दसवीं में विज्ञान और गणित विषय में 75% अंक पाना जरूरी है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत की छूट दी जाती है. वहीं स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को 12वीं में 60 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है. वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को 10 प्रतिशत की छूट के साथ 50 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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