1741 प्राइवेट स्कूल अभिभावकों के मानकों पर नहीं उतरे खरे, खाली पड़ी हैं सीटें

sadbhawnapaati
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प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रक्रिया अंतिम दौर में है। राज्य शिक्षा केन्द्र के आंकड़ों के अनुसार सत्र 2022-23 के लिए 26 हजार 718 मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की 2 लाख 78 हजार 587 सीटों पर प्रारंभिक कक्षा (नर्सरी, केजी-1, केजी-2 और कक्षा 1) में एडमिशन किया जाना है। लेकिन, पोर्टल और ऐप पर अंतिम तारीख 5 जुलाई तक आवेदनों की संख्या 2 लाख 1 हजार 252 है, जो 24 हजार 977 स्कूलों के लिए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश के 1741 स्कूलों माता-पिता ने मानकों पर खरा नहीं पाया है। इन स्कूलों की 77 हजार 335 सीटें खाली हैं। इनके लिए एक भी आवेदन नहीं आया है।
पिछले सिस्टम की खामी का उठा रहे थे फायदा
कुछ प्राइवेट स्कूल पिछले सत्र 2021-22 तक राज्य शिक्षा केंद्र की सिस्टम की कमी और खामी का फायदा उठा रहे थे। स्कूल मनमर्जी से अपनी सीटें कम या ज्यादा आवंटित कर लेते थे। राज्य शिक्षा केंद्र आरटीई के नियंत्रक डॉ. रमाशंकर तिवारी, ने बताया, सिस्टम को लगातार पारदर्शी और विद्यार्थियों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस साल नया नियम जोड़ा गया कि प्रवेश कक्षा यानी प्रारंभिक कक्षा (नर्सरी, केजी-1, केजी-2 और कक्षा 1) में मान्यता के लिए दर्शाई गई कुल सीटों में से 25 प्रतिशत पर आरटीई के तहत प्रवेश दिया जा सकेगा। यानी इतनी सीटें हर हाल में आरटीई के लिए आरक्षित होंगी।
79 फीसदी का हुआ सत्यापन
आरटीई के तहत पोर्टल और एप पर ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 5 जुलाई थी, जिसमें 2 लाख 1 हजार 252 आवेदन आए। दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया जारी है, जिसमें 7 जुलाई की सुबह 10 बजे तक कुल 1 लाख 58 हजार 305 आवेदन की छानबीन पूरी हो चुकी है। प्रतिशत के हिसाब से ये आंकड़ा 79 है, जो कि बेहतर नहीं माना जा सकता। 22 जिले ऐसे हैं, जिनमें दस्तावेज सत्यापन का काम बेहद धीमा चल रहा है। अभी भी 42 हजार 947 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हो पाया है।
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