MP News – महाघोटाला व्यापम केस: सीबीआई कोर्ट ने 8 दोषियों को सुनाई 7 साल कैद की सजा

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Mp News. मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम महाघोटाले (Vyapam Scam) के पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 मामले में भोपाल जिला कोर्ट ने 8 आरोपियों को दोषी पाते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई है.जबकि सबूतों के अभाव में 2 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया.

इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कोर्ट में 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी. दोषी पाए गए लोगों में 3 उम्मीदवार, 3 सॉल्वर औऱ 2 मिडिलमैन हैं. कोर्ट ने राजेश धाकड़, कवींद्र, विशाल, कमलेश, ज्योतिष, नवीन समेत 8 दोषियों को सजा सुनाई.

10 के खिलाफ चार्जशीट
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजन अधिकारी मनु जी उपाध्याय ने बताया कि दो आरोपियों को बरी करने के साथ कोर्ट ने 8 दोषियों को सजा सुनाई है. इनमें 3 अभ्यर्थी शामिल हैं जो मुरैना जिले के रहने वाले हैं. इनकी जगह पर तीन अन्य लोगों ने परीक्षा दी थी. साथ ही मिडिलमैन की इस फर्जीवाड़े में भूमिका थी. पुलिस से यह मामला ट्रांसफर होकर सीबीआई के पास जांच के लिए आया था. सीबीआई ने जांच के बाद कुल 10 लोगों को आरोपी बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी.

ये है पूरा मामला…
व्यापम घोटाले की जांच शिवराज सरकार में सबसे पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने शुरू की थी. 2013 में व्यापम घोटाले में FIR दर्ज होने के बाद सरकार ने एसटीएफ को जांच सौंपी थी. तब एसटीएफ के तत्कालीन अफसरों ने 21 नवंबर 2014 को विज्ञप्ति जारी कर लोगों से नाम या गुमनाम सूचनाएं आमंत्रित की थीं. इसमें 1357 शिकायतें एसटीएफ को मिली थीं. इसमें से 307 शिकायतों की जांच कर 79 एफआईआर दर्ज की गई थीं. 1050 शिकायतों में से 530 जिला पुलिस के पास जांच के लिए भेजी गईं और 197 शिकायतें एसटीएफ के पास थीं. बाकी 323 शिकायतों को नस्तीबद्ध कर दिया जिसमें गुमनाम होने को आधार बनाया गया था. इन्हीं 197 शिकायतों की जांच STF ने कांग्रेस सरकार में दोबारा शुरू की थी. एसटीएफ ने इस मामले की जांच कर कई लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन जांच के दौरान एसटीएफ पर सवाल खड़े होने लगे. उसके बाद शिवराज सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।